महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना बेहद आवश्यक!

किसी भी कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर न होकर उसे स्वयं करने में सक्षम होना, आत्मनिर्भरता कहलाता है। समाज में हर कोई चाहता है की वो किसी भी दायित्व को निभाने के लिए आत्मनिर्भर बने। महिलाओं के संदर्भ में अगर इस शब्द के मायने निकाले जायें तो शायद यह और भी संवेदनशील एवं अति आवश्यक मुद्दा बन जाता है। 

नमस्ते! मेरा नाम सीमा मुस्कान है! मैं इस लेख के ज़रिये कुछ उदाहरणों के माध्यम से आत्मनिर्भरता और महिलाओं के संदर्भ में उसके मायनों में संस्थागत प्रावधानों पर बात करुँगी। 

सबसे पहले अगर बिहार के संदर्भ में बात करूँ तो राज्य में सरकार और विश्व बैंक के संयुक्त प्रयास से  ग्रामीण आजीविका मिशन का गठन किया गया है। स्थानीय स्तर पर महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के रूप में जीविका को जाना जाता है। बिहार, राजस्थान, असम और झारखंड के अलावा भी अन्य राज्यों में यह परियोजना कार्य करती है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराकर अपने गाँव, राज्य और देश के स्वदेशी उत्पाद, संस्कृति और परम्परा को प्रोत्साहित करना है। 

बिहार में वर्ष 2014 से सरस मेले का आयोजन होता आ रहा है। अभी हाल ही में 15 दिसम्बर से 29 दिसम्बर तक भी इस मेले का आयोजन किया गया है। इस बार इस मेले का थीम, ‘उद्यमिता से सशक्तिकरण’ रखा गया है। सरस मेले में विभिन्न राज्यों के ग्रामीण शिल्पकार अपने-अपने प्रदेश के शिल्प उत्पाद व संस्कृतियों के साथ शामिल होते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में वृद्धि करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह तब और भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है जब महिलाओं को इस तरह के प्लेटफार्म उपलब्ध कराये जाते हैं जहाँ वे अपने हुनर से अपनी आय जुटा पाती हैं। 

अक्सर देखने को मिलता है कि ग्रामीण महिलाएँ ज्यादा पढ़ी –लिखी नहीं होती है  जिससे उनको परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि सरकार ख़ास तौर पर महिलाओं के लिए संस्थागत व्यवस्थायें तैयार करे जिनके माध्यम से वे आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ पाएं। 

आईये ऐसी ही कुछ व्यवस्थाओं के बारे में थोड़ा और विस्तार से बात करते हैं:

  • मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना – बिहार राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोज़गार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के ज़रिये महिलायें सरकारी सहायता से अपना रोज़गार शुरू कर सकती हैं और साथ ही दूसरी महिलाओं के लिए भी रोज़गार सृजित कर सकती हैं। इसके लिए सरकार द्वारा महिलाओं को 5 लाख रुपये के अनुदान का प्रावधान किया गया है तथा इसके आलावा 10 लाख रूपये तक का लोन भी ब्याज मुक्त दिए जाने का प्रावधान है। इससे जुड़ी और भी विस्तृत जानकारी इस लिंक के माध्यम से प्राप्त कि जा सकती है।  
  • बिहार में सात निश्चय के तहत ‘आरक्षित रोजगार’ महिलाओं का अधिकार कार्यक्रम शुरू हुआ और 2016 से ही सरकारी सेवाओं में महिलाओं की नियुक्ति के लिए 35% आरक्षण की व्यवस्था की गई। जिसके लिए समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उन्हें और भी प्रेरित करने कि व्यवस्था बनायी गयी है। 
  • इंदिरा महिला शक्ति उद्यमी प्रोत्साहन योजना –  राजस्थान के संदर्भ में अगर बात करूँ तो इस योजना के तहत व्यक्तिगत महिला उद्यमियों अथवा स्वयं सहायता समूहों को 50 लाख रूपये तक तथा स्वयं सहायता समूहों (कलस्टर या फेडरेशन) को 1 करोड़ रूपये तक की राशी दी जाती है। इसके लिए 18 वर्ष या इससे अधिक होना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए इस लिंक के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 
  • दीन -दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना –  इस योजना के तहत गरीब ग्रामीण युवा अपनी रूचि के अनुसार प्रशिक्षण लेकर उसमें निपुण हो सकते हैं तथा इसके बाद बेरोज़गार ग्रामीण युवाओं को रोज़गार का भी प्रावधान है।
  • मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण – मध्य प्रदेश राज्य के संदर्भ में अगर बात करूँ तो यहाँ पर किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़कर अपने परिवार का भरण- पोषण कर सकती है। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना से जुड़ने के लिए इस लिंक के माध्यम से विशेष जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

अतः सरकार द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए ऐसी संस्थागत व्यवस्थायें बनाना बहुत आवश्यक है जिससे लाभान्वित होकर बाकी लोगों की तरह उनमें भी आत्मविश्वास  पैदा हो पाए।

आशा है कि यह  जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। आगे भी हम आपके साथ इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते रहेंगे। अगर इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल हो या फिर आप हमसे कोई भी अन्य क्षेत्र से जुड़ा सवाल पूछना चाहते हैं, तो कृपया हमें humaari.sarkaar@cprindia.org पर लिखिए। हमारी टीम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देगी।