सार्वजनिक सेवाओं की राजनीति

इस लेख के जरिये तनुश्री भान बता रही हैं कि कैसे मतदाताओं को उपभोक्ता मानकर दिया जाने वाला राजनीतिक संरक्षण नौकरशाहों को बुनियादी सेवाओं के असमान वितरण के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ता है। इसके लिए लेखिका ने दिल्ली का उदाहरण इस्तेमाल किया है |

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