“बेरोज़गारी भत्ता महज़ अफवाह है”- इनसाइड डिस्ट्रिक्स श्रृंखला

अप्रैल 2020 में शुरू की गई ‘इनसाइड डिस्ट्रिक्ट्स’ श्रृंखला जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों, पंचायत पदाधिकारियों, लाभार्थियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के अनुभवों, उनकी चुनौतियों तथा बेहतरीन कार्यों को संजोने का एक अनूठा प्रयास है।

यह साक्षात्कार 19 अक्टूबर 2022 को बिहार के एक मनरेगा मज़दूर के साथ आयोजित किया गया था।

 

सवाल: क्या आप इस गाँव के निवासी हैं? यदि हाँ, तो क्या आपने कभी यहाँ से पलायन किया है और किस कारण से?

मनरेगा मज़दूर: हां, मैं इसी गांव का रहने वाला हूं। मैं अक्सर पुणे और मुम्बई चला जाता हूं क्योंकि गांव में साल में दो बार ही काम मिलता है; एक बार जब धान की फसल कटती है और दूसरी जब गेहूं की फसल की कटाई होती है, बाकी समय कोई काम नहीं होता है। इसलिए रोज़गार के लिए बाहर ही जाना पड़ता है।

सवाल: जहाँ आप काम करते हैं, क्या आपने वहां वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का उपयोग करके सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ उठाने का प्रयास किया है?

मनरेगा मज़दूर: मुझे वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है, यही कारण है कि मैंने कभी इसका लाभ उठाने की कोशिश भी नहीं की। मेरी पत्नी को राशन कार्ड वाली पीडीएस दुकान से अनाज मिलता है।

सवाल: यदि आपका आधार आपके घर या मूल गांव में पंजीकृत है, तो क्या आपको अपने कार्यस्थल पर सेवाओं का लाभ उठाने में किसी प्रकार की चुनौती का सामना करना पड़ा है? 

मनरेगा मज़दूर: नहीं, मुझे आज तक आधार से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है।

सवाल: एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), पीडीएस और स्वास्थ्य संबंधी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए संबंधित अधिकारियों ने आपसे कौन से दस्तावेज मांगे थे?

मनरेगा मज़दूर: आईसीडीएस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कोई दस्तावेज़ नहीं मांगे गए। पीडीएस के लिए, हमें अपना राशन कार्ड दिखाना होता था और, मनरेगा तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए बैंक खाता संख्या, आधार कार्ड और राशन कार्ड माँगा गया था।

सवाल: क्या आप अपने मूल शहर या जहाँ आप काम के लिए जाते हैं, वहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कार्यकर्ता के रूप में पंजीकृत हैं? क्या आपको पंजीकरण कराने या काम प्राप्त करने में किसी समस्या का सामना करना पड़ा है?

मनरेगा मज़दूर: मैंने अपने गांव में मनरेगा के तहत पंजीकरण कराया था और मेरे पास जॉब कार्ड भी है, लेकिन मुझे काम नहीं मिलता है। काम होता भी है तो साल में केवल 35 से 40 दिन ही मिलता है और पैसा मिलने में 3 से 4 महीने लग जाते हैं। तो क्या अब इस बीच हमें भूखा रहना होगा? इतनी लंबी अवधि के लिए दुकानदार भी उधार नहीं देता।

सवाल: मनरेगा के लिए पंजीकरण कराने के बाद यदि आपको काम नहीं मिला तो क्या आपको बेरोज़गारी भत्ता प्रदान किया गया था?

मनरेगा मज़दूर: कभी नहीं, ऐसा भत्ता केवल अफवाह है।

 

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