‘साथियों के विचार’ : राहुल चौरसिया
नमस्ते! मेरा नाम राहुल चौरसिया है और मैं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिला का निवासी हूं तथा अंहिसा वेलफेयर सोसाइटी के साथ जुड़ा हूँ। हमारी संस्था पिछले कई वर्षों से स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल अधिकार तथा युवाओं से जुड़े मुद्दों के तहत लोगों को संविधान से जोड़ने का काम भी करती है। मैं वर्तमान में अपनी संस्था की ओर से भारत सरकार की योजना, जल जीवन मिशन के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग से जुड़कर कार्य कर रहा हूं। इस योजना का उद्देश्य हर घर के लिए शुद्ध जल प्रदान करना है।
मेरा मुख्य कार्य जल जीवन मिशन योजना के तहत सूचना, शिक्षा और संचार के माध्यम से लोगों तक पहुँच बनाने का होता है। इसके लिए मुझे विभिन्न पंचायतों में जाकर विभाग के अधिकारीयों के साथ मिलकर लोगों को योजना के लाभ से जोड़ना व शुद्ध जल से जल से जुड़े सभी तरह के विषयों को लेकर उन्हें जागरूक करना होता है।
इसके लिए मैं सर्वप्रथम अलग-अलग पंचायतों में जाकर ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों व पंचायत अधिकारीयों के साथ सामंजस्य करके ग्राम सभा का आयोजन करवाता हूं। इसका उद्देश्य यही रहता है की ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा बैठकों में शामिल हो सकें तथा जान सकें की आख़िर वे किस तरह से योजना का लाभ ले सकते हैं।बैठक में वे स्वयं तय करते हैं कि हमारे गांव में नल जल योजना कैसे संचालित करवानी है। जो लोग बैठक में छूट जाते हैं, उनके लिए अलग से सभा का आयोजन भी किया जाता है।
उसके बाद हम स्कूली बच्चों को अपने साथ लेकर रैली का आयोजन करते हैं। रैलियों के माध्यम से हमारा प्रयास रहता है कि हम जनता को जागरूक कर सकें, लोग स्वच्छ पेयजल हेतु अपने व्यवहार में परिवर्तन कर सकें। इसके साथ ही हम प्रत्येक गाँव की पांच महिलाओं को भी प्रशिक्षित करते हैं जिसमें हम उन्हें नल जल योजना के बारे में जानकारी, स्वच्छ पानी का परिक्षण कैसे किया जाये, इन सब चीजों के लिए उन्हें तैयार किया जाता है।
अपने काम से जुड़े कुछ अनुभव आपसे साझा करना चाहूँगा और उम्मीद करूँगा की यह अनुभव आपके ज़रूर काम आयें!
ऐसा कतई नहीं है कि सब कार्य आसानी से संपन्न हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर कई बार जब अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को एक प्लेटफार्म पर लाना होता है तो वह काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि किसी वजह से उनके बीच सामंजस्य नहीं बैठ पाता।
मैंने अपने अनुभव में यह सबसे ज़रूरी चीज़ सीखी है की जब लोग किसी मुद्दे को लेकर एक साथ आगे आते हैं तो बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है। लेकिन इसके लिए यह ज़रूरी है कि लोग अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूक हों। उन्हें मालुम हो की किस तरह से सरकार के साथ जुड़ना चाहिए, किस किस योजना का लाभ किस प्रक्रिया के माध्यम से मिल सकता है तथा कौन अधिकारी किन कार्यों को लेकर जवाबदेह है। अतः जब आम जन अपनी जानकारी और ज्ञान से मिलकर अपनी आवाज़ उठाएंगे तो ऐसा कोई कार्य नहीं है जो सफल नहीं हो सकता।
कार्य की गुणवत्ता पर यदि सवाल खड़े हों, तो आप उसके लिए समुदाय के साथ मिलकर अधिकारियों के साथ समन्वय कर कार्य का बेहतर परिणाम दे सकते हैं। यानी ऐसा माहौल बन पाए की स्वयं समुदाय आगे आकर बताए की समस्या का समाधान यह होना चाहिए जिससे निश्चित तौर पर अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे।
मेरी कोशिश हमेशा यही रहती है की अपने काम में लोगों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करूँ और ख़ास तौर पर महिलाओं की भागीदारी को अधिक बढ़ाऊं! यही कारण है की हमारे प्रयास से गांव में नियमित रूप से लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है तथा लोगों को योजना का लाभ भी मिल रहा है।