प्रशासन के सितारे- राजेन्द्र लोधी
‘प्रशासन के सितारे’ सेक्शन में आईये आपको मध्य प्रदेश के राजेन्द्र लोधी जी से मिलवाते हैं जो एक ग्राम रोज़गार सहायक के पद पर कार्य करते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं!
सवाल: आप अपने बारे में कुछ बताएं?
जवाब: मेरा नाम राजेन्द्र लोधी है। वर्ष 2012 में स्नातकोत्तर की डिग्री पूर्ण करने के बाद कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा कोर्स करने के पश्चात समुदाय के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों के प्रति लग्न होने की चाह ने ग्राम पंचायत में मैंने ग्राम रोज़गार सहायक के पद के रूप में अपना कार्य करना आरम्भ किया।
सवाल: आप अभी किस विभाग में तथा किस पद पर कार्य कर रहे हैं?
जवाब: मैं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश के जिले व जनपद पंचायत सीहोर की ग्राम पंचायत जहांगीरपुरा में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर कार्यरत हूं। मेरा मुख्य कार्य मनरेगा के साथ-साथ ग्राम पंचायत में शासन की कल्याणकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। मैं पिछले लगभग 10 वर्षों से विभिन्न नवाचारों के साथ पंचायत के साथ कार्य कर रहा हूं।
सवाल: अपने मुख्य कार्यों को बताते हुए ये बतायें की आपके ऐसे कौन से प्रमुख कार्य हैं, जो सीधे तौर पर नागरिकों से जुड़े हुए हैं?
जवाब: मैं आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र करना चाहूँगा जोकि सीधे तौर पर नागरिकों से जुड़े हैं। उदाहरण के लिए महात्मा रोज़गार गारंटी रोज़गार योजना के अंतर्गत रोज़गार के लिए लाभार्थियों के आवेदन लेना, रोज़गार उपलब्ध करवाना, मस्टरोल जारी करवाना, मज़दूरी का भुगतान करवाना, बैंक से लाभार्थियों को जोड़ना मुख्य रूप से मनरेगा के कार्य हैं। इसके अलावा समग्र आई.डी. योजना मध्य प्रदेश शासन की एक बड़ी योजना है। यह व्यक्ति का एक यूनिक आई.डी. होती है, जो व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक कार्य करती है। इसके माध्यम से हितग्राही सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के पात्र होते हैं, जैसे की शिक्षा प्रदान करने लिए बच्चे का नामांकन, आंगनवाड़ी में नामांकन, लाडली सुरक्षा योजना के लिए पंजीयन, स्वास्थ्य विभाग व सामाजिक सुरक्षा पेंशन में दिव्यांग पैंशन, वृद्ध पैंशन, विधवा पैंशन, शिक्षा प्रोत्साहन राशि, जच्चा-बच्चा योजनाओं के लिए पंजीयन करने का कार्य मेरे कार्य क्षेत्र में आता है।
सवाल: एक अधिकारी के तौर पर आपकी अभी तक की क्या बड़ी सफलताएं रही हैं? क्या आप एक या दो सफलताओं के बारे में बता सकते हैं?
जवाब: मैं स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए ग्रामीण समुदाय को विभिन्न नवाचारों के माध्यम से प्रेरित करना, अपनी एक सफलता के रूप में देखता हूँ। इसके लिए हमने महिला स्वयं सहायता समूह की मदद से समुदाय को कैम्पेन चलाकर, माताओं, बजुर्गों को शौचालय का महत्व समझाया। इन सभी प्रयासों का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा और जल्द शौचालय निर्माण के कार्य ग्राम पंचायत में जोर पकड़ने लगा। दूसरा, पोषण और स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए पर्यावरण को कैसे स्वच्छ बनाया जाए, पेस्टीसाइड से युक्त जहरीली दवाइयों से युक्त सब्जियों व फलों का उपयोग न करते हुए कैसे पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बना सकते हैं। इसी कड़ी में शासन द्वारा सार्वजनिक भूमि पर मनरेगा योजना के अंतर्गत 3 से 4 एकड़ भूमि में 500-700 पौधारोपण किया गया। वर्तमान में पोषण वाटिका कार्यक्रम के माध्यम से जैविक खेती के महत्व को समझते हुए सब्जियों और फलों के पौधारोपण द्वारा पंचायत की आय आर्जित हो रही है। इसमें गाँव की महिला स्वयं सहायता समूह को आजीविका और रोज़गार दोनों प्राप्त हो रहे हैं।
सवाल: आपके अभी तक के सफ़र में क्या प्रमुख चुनौतियाँ रही हैं? क्या आप एक या दो उदाहरण दे सकते हैं? आपने इनका समाधान कैसे किया?
जवाब: जी हाँ, स्थानीय स्तर पर शासन की इकाई के रूप में कल्याणकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए शासन की नियमावली के अनुसार हमें कार्य करना होता है। मैं यहाँ पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गाँव में निजी शौचालय का उदाहरण लेने चाहूँगा, जहां पर समुदाय को शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। ऐसे में हमने ग्राम पंचायत के पदाधिकारी वर्ग, स्वयं सहायता समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद ली, और समुदाय को समझाया कि शौचालय निर्माण की वजह से स्वच्छता, बीमारियों से रोकथाम होगी और पर्यावरण स्वास्थ्य होगा।
सवाल: आप जिस क्षेत्र में काम करते हैं, उसमें ऐसी कौन सी एक या दो प्रमुख चीजें हैं, जिनका अनुसरण करते हुए लाभार्थी आसानी से लाभान्वित हो सकते हैं?
जवाब: मेरे मानना है कि हमारे कार्य में फील्ड स्तर पर ज़मीनी स्तर पर लाभार्थी से जुड़ने का अवसर मिलता है। यह हमारे कार्य की विशेषता के साथ हमें मिला एक अवसर है, जिसको लेकर मैं बेहद उत्साहित हूँ। मनरेगा योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही को रोज़गार प्रदान करवाना, समग्र आईडी के माध्यम से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए हितग्राही के रूप में पंजीयन करना एक प्रमुख कार्य है। शासन की विभिन्न योजनाओं में पेंशन, भवन निर्माण श्रमिक योजना के अंतर्गत में हितग्राही को पंजीयन करवाना जिससे कि वह निर्माण कार्य से सम्बन्धित कार्यों के लिए पात्र होते हैं, और इन्हीं लाभार्थियों को खाद्यान्न योजना और आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का कार्य किया है।
सवाल: कई बार देखने को मिलता है कि सरकार की बेहतर योजनाओं के बावजूद भी लाभार्थियों को उनका लाभ समय पर नहीं मिल पाता, आपके अनुसार इसके क्या प्रमुख कारण हो सकते हैं?
जवाब: मैं यह मानता हूँ कि स्थानीय स्तर पर अलग-अलग विभागों जैसे, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, राजस्व, जल विभाग के बीच फील्ड कार्यकर्ता में आपसी सामंजस्य व जानकारी साझा न होने की वजह से लाभार्थी तक योजना का लाभ नही पहुंच पाता। जिसका परिणाम यह है कि लाभार्थी तक लाभ नही पहुंच पाता है, यह कुछ ऐसे बिंदु है, जिससे कि लाभार्थी योजना से नहीं जुड़ पाते हैं जोकि लाभ देने में अड़चने पैदा करते हैं।
सवाल: अपने काम से जुड़ा ऐसा कौन सा पहलु है जिसको करने में आपको गर्व महसूस होता है?
जवाब: मुझे ग्राम स्तर पर समुदाय के साथ जुड़कर कार्य करने का अवसर मिला है। जब हमें अपने कार्य के लिए अपने उच्च अधिकारी वर्ग से प्रशंसा या पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया जाता है तो यह ख़ुशी प्रदान करता है। शासन की योजनाओं को धरातल पर सही प्रकार से लागू होने पर हितग्राही को उनका लाभ मिलने पर उनसे प्रशंसा सुनने के बाद यह कार्य करने में उत्साह भर देता है।
सवाल: यदि आपको अपना काम करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्रता मिले, तो ऐसा एक कौन सा कार्य है जो आप ज़रूर करना चाहेंगे?
जवाब: मेरे मानना है कि योजना से सम्बन्धित पोर्टल में तकनीकी खामियों की वजह से हितग्राही से सम्बन्धित सूचनाओं के संकलन के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यदि पोर्टल में सूचनाएँ डालने से सम्बन्धित कुछ अधिकार हमारे स्तर पर हो तो यह बेहतर होगा। दूसरा, मुझे लगता है पंचायत यदि स्वयं सहायता समूहों के साथ विकास कार्यों का अनुबंध करे तो रोज़गार के साथ महिलाओं के समग्र विकास के लिए उचित पहल होगी। इस समय महिलाओं को इस तरह के रोज़गार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, जिससे वे खुद को और भी सशक्त कर पाएं।