हर वर्ग को कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूक होना होगा!
मेरा नाम दिनेश कुमार है और मैं पिछले कई वर्षों से अकाउंटबिलिटी इनिशिएटिव समूह के साथ जुड़कर शासन की व्यवस्था और सरकार की योजनाओं पर अध्ययन करता रहा हूँ। इसी के तहत आज मैं आपके साथ एक अलग विषय को लेकर आया हूँ जो मूलतः कामगार मजदूरों पर आधारित है।
किसी भी देश के निर्माण और स्वरूप बदलने में मजदूर वर्ग की भूमिका बेहद अहम् होती है। यानी आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर ये मजदूर वर्ग देश की उन्नति में अपनी भूमिका न निभायें तो ये बड़े-बड़े पुल, भवन, गौरवशाली इमारतें, सड़कें आख़िर कैसे अस्तित्व में आ पातीं। इसलिए इन सबके बावजूद हमें यह भी जानना ज़रूरी है कि इन मज़दूर वर्गों की दशा कैसी है? क्या वे जानते हैं कि उनके अधिकार क्या हैं या फिर क्या वे इस बात से वाकिफ़ हैं कि सरकार ने उनके लिए क्या-क्या व्यवस्थायें बनायीं हैं?
इसे समझने के लिए मैंने कोविड -19 महामारी के समय अकाउंटबिलिटी इनिशिएटिव समूह के अंतर्गत शुरू इनसाइड डिस्ट्रिक्टस सीरीज़ के आठवें राउंड में बिहार के कुछ मजदूरों से बात की। इन साक्षात्कारों के ज़रिये मैंने उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश की। मैंने ख़ास तौर से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं व उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में जानने की कोशिश की जो मैं इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोगों के साथ अपना अनुभव साझा कर रहा हूँ।
मैंने ऐसे कामगार मजदूरों की सूची भवन और अन्य निर्माण श्रमिक बोर्ड बिहार से प्राप्त की। इसके बाद मैं उनमें से कुछ मजदूरों से मिला और उनसे बात की क्या उन्हें उनकी उचित मजदूरी, योजनाओं का लाभ मिलता है? अगर हाँ तो अब तक उन्हें कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है ।
इस कड़ी में मैंने कई मजदूरों से बात की जिनमें से कुछ का अंश आपसे निम्नलिखित साझा कर रहा हूँ:
- सुखिया देवी – उम्र 50 वर्ष, इनकी 3 बेटियाँ हैं। वह कई वर्षों से ईंट निर्माण में ईंट-भट्टा पर कार्य करती आ रही है। वह कहती है – “बड़की बेटी के बियाह के लेल बैंक में 50,000 रु.मिलल रहे सरकार से”! इनकी एक बेटी के विवाह के लिए वित्तीय सहायता मिली थी। कोविड के समय में सरकार द्वारा 3000 रुपये का वित्तीय सहयोग किया गया था।
- गीता देवी – उम्र 55 वर्ष, इनका कहना है कि यह ईंट-भट्टा पर काम करती है परन्तु जब इन्हें वहां काम नहीं मिलता तो वह खेतों में काम करती है। वह बताती हैं- “पूरा दिन काम कईले के बाद 200 रुपया मिले ला और बेटी के बियाह के लिए सरकार से पैसा न मिलल”। इनकी दो बेटियाँ हैं परन्तु इन्हें बेटी के विवाह के समय में सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली थी और इन्हे इस योजना के बारे में भी जानकारी नहीं थी।
- संजय पासवान – उम्र 48 वर्ष, यह कई वर्षों से देश के अलग-अलग राज्यों में मजदूरी का काम करते आ रहे हैं। इनका कहना है- सरकारी योजनाओं के बारे में पता नहीं है, “आज तक एक रुपया का लाभ सरकार से नहीं मिला है। मेहनत करते हैं कुछ पैसा मिलता है, उसी से अपना गुजर-बसर हो रहा है”। इनके अनुसार सरकारी लाभ के लिए उसी व्यक्ति का नाम जुड़ता है जो नेता के आगे-पीछे घूमा करता है, और बिचौलिया के सम्पर्क में रहने से सब कुछ होता है।
ये केवल कुछ उदाहरण हैं! लेकिन इस सबसे मैं यह कहना चाहता हूँ कि केवल सरकार पर दोषारोपण करना ही किसी समस्या का हल नहीं है बल्कि सबसे बड़ा सवाल यहाँ यह उठता है कि क्या हम अपने अधिकारों के प्रति स्वयं उतने जागरूक हैं भी? यह बात सभी वर्गों पर लागू होती है कि क्या हमें वाकई मालूम है कि सरकार ने हमारे लिए किस योजना के अंतर्गत क्या-क्या प्रावधान किये हैं और कैसे हमें योजना का लाभ प्राप्त करना है?
‘हम और हमारी सरकार’ वेबसाइट के माध्यम से हमने पिछले कुछ समय से शासन और उससे जुड़ी ऑनलाइन संस्थागत व्यवस्थाओं पर भी काफी काम किया है ताकि नागरिकों को मालूम हो की वे घर बैठे किस तरह से सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं!
मजदूरों को उनका अधिकार मिले, इसके लिए सरकार ने कानून में कई तरह के प्रावधान किये हैं। निर्माण कामगार कई श्रम कानूनों में शामिल हैं, विशेषकर उन्हीं श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानून बनाया गया:
- भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्ते विनियमन अधिनियम) 1996
- भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम , 1996
बिहार के संदर्भ में अगर बात करूँ तो, राज्य सरकार द्वारा उपरोक्त अधिनियम तथा नियमावली में प्रावधान कार्यकलापों के संचालन के लिए बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। निर्माण श्रमिक कामगार के अंतर्गत- कुशल, अर्धकुशल श्रमिक के रूप में शारीरिक कार्य वेतन या पारिश्रमिक के लिए कार्य करता है।
बिहार राज्य में निर्माण कार्य के अंतर्गत भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण में सलंग्न अकुशल कोटि के कामगार, राज मिस्त्री, हेल्पर, बढ़ई, लोहार, मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत, भवन निर्माण में जल प्रबंधन, ईंट निर्माण एवं पत्थर तोड़ने के कार्य में लगे मजदूर, रोलर चालक, टाइल्स का कार्य करने वाले मिस्त्री शामिल हैं।
निर्माण कामगार अपना पंजीकरण कैसे करवायें:
कल्याण बोर्ड से संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु बोर्ड में पंजीयन कराना एवं बोर्ड का सदस्य रहना आवश्यक है। जिसके लिए उम्र 18-60 वर्ष होनी चाहिए। निबंधन शुल्क 20 रुपया तथा मासिक अंशदान 50 पैसे प्रति माह के दर से एक मुश्त 5 वर्ष के लिए 50 रुपया देना होता है। यदि निबंधन निर्माण श्रमिक की सदस्यता अंशदान जमा न करने के कारण टूट गई हो तो इस टूट को निबंधन पदाधिकारी द्वारा पुर्नजीवित किया जा सकता है।
कार्य स्थल पर कामगारों के लिए ज़रूरी प्रावधान:
सरकार की नियमावली के अनुसार कामगारों को उनके कार्यस्थल पर कुछ ज़रूरी प्रावधान किये गए हैं जिनके बारे में मालूम होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए:
- काम के घंटे से अधिक कार्य नहीं
- निर्धारित कार्य अवधि में अतिरिक्त मज़दूरी
- शिशु कक्ष, कैंटीन व शौचालय की व्यवस्था
- आपातकालीन कार्य योजना
- बाड़ की व्यवस्था
- सुरक्षा उपकरण
- प्राथमिक उपचार पेटिका।
कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत श्रमिकों को निम्न लाभ देने का प्रावधान है:
- मातृत्व लाभ
- शिक्षा के लिए वित्तीय लाभ
- नकद पुरुस्कार
- विवाह के लिए वित्तीय सहायता
- दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता
- मृत्यु लाभ
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ।
सभी कल्याणकारी योजनाओं की राशि लाभार्थी के बैंक खाते में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) पद्धति से अंतरित की जाती है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को सबंधित श्रम कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन देना होता है।
अतः, अंत में इस बात को हमें समझना बेहद आवश्यक है कि किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले उसके प्रति जानकारी होना बहुत जरूरी है। सरकार के साथ-साथ एक जागरूक नागरिक होने के नाते हमारा भी यह दायित्व बनता है कि हम सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ हेतु स्थानीय स्तर, सामुदायिक स्तर पर प्रचार- प्रसार करें ताकि मूल व्यक्ति को सही समय पर योजना का लाभ मिल पाए।
यदि आप ऐसी ही और महत्वपूर्ण जानकारियाँ, योजनाओं से सम्बंधित, प्रशासनिक अथवा वित्तीय व्यवस्था से जुड़े पहलुओं को जानना चाहते हैं तो, हमें ज़रूर लिखें। शासन-प्रशासन से जुड़े किसी भी तरह के सवालों के लिए आप हमें humaari.sarkaar@cprindia.org पर लिखें! हमारी टीम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देगी।
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