सरकार को अपना तंत्र पारदर्शी बनाना चाहिये!

नमस्ते! मेरा नाम राहुल चौरसिया है और मैं अंहिसा वेलफेयर सोसाइटी राजगढ़ मध्य प्रदेश में काम करता हूँ। हमारी संस्था पिछले कई वर्षों से स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल अधिकार तथा युवाओं से जुड़े मुद्दों के तहत लोगों को संविधान से जोड़ने का काम भी करती है।

सरकार की मुख्य जिम्मेदारी हम नागरिकों तक सभी तरह की मूलभूत सेवाओं की पहुँच को सुनिश्चित करना होता है। सेवाओं में कई चीजें हैं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पीने की पानी की पहुँच, सड़क, बिजली और न जाने कितनी ही तरह की सेवायें सरकार को अपने नागरिकों तक पहुँचाने की आवश्यकता होती है।

अब सवाल यह है कि इन सेवाओं का लाभ कहाँ तक मिल पाया, क्या जिन लोगों के लिए प्राथमिकता के आधार पर इसे दिया जाना चाहिए, उन्हें मिला? कब मिला? कितना मिला?

यहाँ मेरा इन सवालों को हाईलाइट करने का मकसद यह है कि सरकार नागरिकों की भलाई के लिए सेवाएं तो देती है लेकिन उनको पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक मंच पर साझा करने में समय लगाती हैं।

आज के समय में तकनीक का महत्व बेहद ज़रूरी हो चुका है और कोविड-19 ने तो इस बात को पूरी तरह से पुख्ता कर दिया, जहाँ हम सभी तकनीक के माध्यम से ही एक दुसरे से जुड़ पाये। अगर मैं यह कहूँ कि कोविड ने हमें बुरे अनुभवों के साथ यह भी सीखा दिया की हम कैसे तकनीक का लाभ लेकर अपने काम को आसान बना सकते हैं, तो इसमें अतिश्योक्ति न होगी।

हालांकि कई राज्य सरकारें अपने पूरे सिस्टम में जो भी गतिविधियाँ हो रही हैं उन्हें धीरे-धीरे ऑनलाइन प्लेटफार्म की तरफ ले जा रही हैं ताकि लोग जितना संभव हो, घर बैठे ही उनका लाभ ले सकते हैं यानी दफ्तरों के फालतू के चक्करों से बच पाएं। क्योंकि देखने को मिलता है कि लोगों को छोटी-छोटी जानकारियों के लिए भी अलग-अलग विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जिसमें उनका काफी सारा समय निकल जाता है।

तो यानी सरकारों द्वारा विभिन्न विभागों की जानकारी को सार्वजनिक करने से कई तरह के फायदे हैं। हमारे जैसे बहुत से ऐसे साथी हैं जो विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़कर अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। जब सरकार अपनी सभी गतिविधियों को पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगी तो उसमें न केवल अधिक पारदर्शिता आएगी, बल्कि संस्थाओं में काम करने वाले हम जैसे लोगों को भी मालूम चलेगा की सरकार आगे किस दिशा की तरफ बढ़ रही है। इससे हमें अपने आगामी प्रोजेक्ट्स को प्लान करने में भी आसानी होगी।

तो अंततः ये बात तो हुई कि सरकार को अपने सिस्टम को पारदर्शी बनाना चाहिए तथा ऑनलाइन माध्यम की तरफ और अधिक बढ़ना चाहिए!

लेकिन क्या केवल इतना काफी है?

नहीं! अब एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमारी भी जिम्मेदारी बनती है की जब सरकार इस तरह की व्यवस्थायें बनाये तो हम भी उनके प्रति अवगत रहें, यानी हमें मालुम हो की उनका इस्तेमाल किस तरह से और कब करना है। इसमें न केवल सरकार को लोगों को इनके प्रति जागरूक करना होगा बल्कि हमें भी एक दुसरे को सीखाना होगा ताकि एक ऐसी सशक्त कम्युनिटी बन पाए जो अपने हर अधिकार के प्रति जागरूक बन सके।