‘प्रशासन के सितारे’- मीना शुक्ला

‘प्रशासन के सितारे’ सेक्शन में आईये आपको मीना शुक्ला से मिलवाते हैं जो सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवायें दे रही हैं आईये इनके कार्य और उसमें आने वाली चुनौतियों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं! 

सवाल: आप अभी किस विभाग में और किस पद पर काम कर रहे हैं? आपका मुख्य कार्य क्या है? 

जवाब: मैं मार्च 2020 से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्य कर रही हूँ अभी में मेंडोरा भोपाल में कार्यरत हूँ हमारा काम ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना होता है जिसमें गांव के मरीजों का इलाज करना, ग्रामीण क्षेत्रों में ओपीडी का संचालन करके गर्भवती तथा स्तनपान करने वाली महिलाओं को उचित सलाह शामिल रहता है। इसके अलावा भी बहुत सारे कार्य रहते हैं जैसे:

  • क्लीनिक या स्वास्थ्य केंद्र में जाने में असमर्थ रोगियों के घर का दौरा करना, गर्भवती महिलाओं बुजुर्गों या उच्च जोखिम वाली बीमारियों के लिए परामर्श।
  • अपने रोगियों के स्वास्थ्य की तलाश करने वाले व्यवहार में सुधार करना एवं उनके सामने आने वाली स्थितियों और चुनौतियां को समझकर उसे नियोजित करना।
  • उनकी स्थानीय आबादी को स्वास्थ्य जानकारी और सेवाएं प्रदान करना जैसे प्राथमिक चिकित्सा, निदान, परामर्श, टीकाकरण इत्यादि।
  • रोगियों और मौजूदा स्वास्थ्य प्रणाली के बीच संचार कनेक्शन और देखभाल की सुविधा को उच्च स्तर तक प्रदान करना।
  • अपने रोगियों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे क्लीनिक बीमा इत्यादि की समझ विकसित करना और उन्हें अच्छे तरीके से बताना। 

सवाल: अभी तक के सफर में सरकार से जुड़कर काम करने का अनुभव कैसा रहा है? 

जवाब: सरकार के साथ काम करना हमारे लिए गर्व की बात है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कार्य किये जा रहे हैं। पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ वेलनेस सेण्टर बनाये गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके नजदीक स्वास्थ्य सेवायें मिलनी प्रारंभ हुई है तथा लोग भी अब अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हुए हैं।  

सवाल: करियर में अभी तक की क्या बड़ी सफलताएं रहीं हैं? कोई एक या दो के बारे में बताईये? 

जवाब: मेरे सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर ज्वाइन करने के कुछ महीने बाद ही मुझे संघटन का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। मैं इस संगठन में 11500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती हूँ

  • मध्यप्रदेश नेशनल हेल्थ मिशन संविधा कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष हूँ, जिसमें 32 हजार संविधा कर्मचारी की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है। 
  • सफलता की बात करें तो हमने अभी तक हमने नॉन कम्युनिकेबल डिसीज और डायबेटीज उन सब की स्क्रीनिंग कर ली, उनकी दवाईया चल रही है, और उनकी बीपी और डायबेटीज दोनों कंट्रोल में है। 
  • पिछले 3 वर्षों में माता मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर बिलकुल नहीं हुए है। 
  • कोरोना के समय में सभी की स्क्रीनिंग की दवाईया दी, फिर कोविड टीकाकरण करवाया और आज यह स्थिति है की, हमारे क्षेत्र में प्रदेश में कोरोना दूर दूर तक नहीं है। 

सवाल: इन सफलताओं के रास्ते में क्या कुछ अनोखी मुश्किलें या परिस्थितियां सामने आयीं? इनका समाधान कैसे हुआ ? क्या आप अपने अनुभव से इसके उदाहरण दे सकते हैं?  

जवाब: संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व इतना आसान नहीं है आपको सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की बात अधिकारियों तक रखनी है तथा अधिकारियों की बात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तक लेकर जाना है। ऐसे में कई बार अधिकारीयों से कुछ इस प्रकार की बात कही जाती है जिसे हम सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तक लेकर नहीं जा सकते हैं। एक प्रकार से दोनों में तालमेल बिठाने का काम करना होता है। 

  • स्क्रीनिंग के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को समझाना बहुत जरुरी होता है, अधिकतर गाँव के लोग स्क्रीनिंग करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। 
  • समय-समय पर माताओं और बच्चों को परामर्श के साथ उनके घर जाकर उनकी जांच करना एवं उन्हें अच्छा आहार लेने के लिए प्रेरित करना। 
  • कोरोना के समय जब सभी प्राइवेट डॉक्टर और हॉस्पिटल कार्यरत नहीं थे, तब हम एक योद्धा की तरह फील्ड में कार्य कर रहे थे। बाहर से आने जाने वाले सभी लोगो की स्क्रीनिंग करना, कोविड पॉजिटिव लोगो की देखभाल करना काफी मुश्किल था, हालंकि हम फिर भी डटे रहे।

सवाल: बेहतर शासन और सेवा वितरण में आप अपना योगदान किस प्रकार देखते हैं ?

जवाब: बेहतर शासन मेरे हिसाब से जिस काम के लिए पोस्टिंग की गई है, उसी के अंतर्गत कार्य करने का दायित्व भी मिलना चाहिए न कि दूसरे अन्य कार्यो में उलझाना चहिये। सरकार की हमेशा से यह मंशा रहती है कि अधिकारियो को कई काम दिए जाएँ मगर ऐसे में सेवा वितरण पर प्रभाव पड़ता है। हमारी ड्यूटी पंचायत में आयुष्यमान कार्ड बनाने में, सरपंच के बेटे की शादी में देखरेख के लिए ड्यूटी लगाई जाती है। तो ऐसे में हम अपना कार्य किस प्रकार करेंगे? 

सवाल: कई बार नागरिक सोचते हैं कि अधिकारी काम ही नहीं करते! क्या आप अपने काम से जुड़ी कुछ चुनौतियां बता सकते हैं जिनकी वजह से आपको काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता हो:

  • गाँव स्तर पर लोगों को समझाना अपने आप में चुनौती है, उन्हें बार-बार बताना होता है। यानी लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जिस तरह से परामर्श दिया जाता है वे उसका सही से पालन नहीं करते।
  • हमें अपने ऑफलाइन काम के साथ-साथ ऑनलाइन काम का भी कार्य दिया गया है। हम लोग दिनभर फील्ड में रहते हैं, ऐसे में फील्ड से वापस आने के बाद हमें ऑनलाइन पोर्टल और ऐप पर काम करना पड़ता है। रात को 2 से 2.30 बजे तक काम करना पड़ता है।
  • हमें संविधा पर रखा गया है, इसमें हमें कहीं पर नौकरी को लेकर सुरक्षा महसूस नहीं होती है। हमारी मांग यही है कि हमें नियमित किया जाये। 
  • हेल्थ वैलनेस सेण्टर पर अकेली एक महिला अगर बैठती है तो कहीं न कहीं हमारी सुरक्षा का भी सवाल रहता है। 

सवाल: अपने काम के किस पहलू से आपको ख़ुशी मिलती है?    

जवाब: हमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में जो दायित्व दिए गए है, उसे पूरा करने में ख़ुशी मिलती है। जो वृद्ध लोग होते हैं उन्हें स्वास्थ्य लाभ देने में बहुत ख़ुशी मिलती है। एनसीडी स्क्रीनिंग करना क्योंकि लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनका बीपी या शुगर बढ़ा हुआ है। जब हम उनकी स्क्रीनिंग करते हैं, दवाईया देते हैं, उनका नियमित तौर पर हालचाल पूछते हैं और फिर उनके स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद वो हमें अपना आशीर्वाद देते हैं उसमें जो ख़ुशी मिलती है वो कहीं नहीं मिलती । 

सवाल: अच्छे अधिकारी के 3 ज़रूरी गुण

जवाब: धैर्य, प्रमाणिकता, निष्ठा 

सवाल: काम से सम्बंधित वह ज़िम्मेदारी जिसमें सबसे ज़्यादा मज़ा आता है । 

जवाब: प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को उनका हक दिलवाने में मुझे आनंद मिलता है। 

सवाल: अपने क्षेत्र में कोई ऐसा काम जो आप करना चाहते हो मगर संरचनात्मक या संसाधन की सीमाएँ आपको रोक देती हैं-

जवाब: हेल्थ एंड वैलनेस सेण्टर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अकेला बैठता है। हमारे अन्दर 4 से 5 गाँव आते हैं, अगर हमें अन्य गाँव में विजिट पर जाना हो तो सेण्टर बंद करना पड़ता है। जिससे काफी लोगों को मुश्किलें आ सकती हैं, इसलिए हेल्थ वैलनेस सेण्टर पर और लोगों को नियुक्त करने की जरुरत है।