‘प्रशासन के सितारे’ – श्री घनश्याम मेवाडा
‘प्रशासन के सितारे’ सेक्शन में आईये आपको मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के धबोटी पंचायत के ग्राम सचिव श्री घनश्याम मेवाडा जी से मिलवाते हैं। घनश्याम जी के निरंतर प्रयासों से वे अपनी पंचायत के लिए कई बार पुरस्कार दिलाने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते आये हैं। यह साक्षात्कार उन्हीं के साथ हुई चर्चा पर आधारित है:
1) आप अभी किस विभाग में तथा किस पद पर काम कर रहे हैं? आपका मुख्य कार्य क्या है?
जवाब: मैं वर्तमान में पंचायती राज विभाग के अंतर्गत धबोटी पंचायत में ग्राम सचिव के पद पर कार्य कर रहा हूँ। वैसे मेरा मुख्य कार्य पंचायत स्तर पर चलने वाली सभी सरकार की योजनाओं का पात्र व्यक्तियों तक ले जाने का रहता है ताकि योजना के मूल लाभार्थी को उसका लाभ मिल पाए। इसके लिए मुझे कई सारे विभागों के साथ समन्वय करना पड़ता है।
2) आपका, अभी तक के सफ़र में सरकार के साथ जुड़कर काम करने का अनुभव कैसा रहा है?
जवाब: मैं अगर अपनी बात करूँ तो इसके पहले मैंने इस तरह के सेक्टर में कार्य नहीं किया था और कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे लोगों के साथ जुड़कर काम करने का मौका मिलेगा। मैंने एम.सी.ए. बी.एस.सी. कंप्यूटर किया हुआ है तथा इससे पहले मैं एक प्राइवेट संस्था में कंप्यूटर से जुड़े ज्यादा कार्य करता था। सरकार के साथ जुड़कर कार्य करने का अभी तक का मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा है। इतने वर्षों में काम करने के बाद मैं यह समझ चूका हूँ कि मेरा पद लोगों के लिए कितना महत्वपूर्ण है तथा पंचायत स्तर पर सरकार की योजनाओं को कार्यान्वित के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हूँ। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा योजनाओं को शुरू किया जाता है लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनके मूल लाभार्थियों तक लाभ दिलाना हमें सुनिश्चित करना होता है और इस सबमें सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रियाओं का सही तरीके से भी पालन करना होता है। उदाहरण के लिए मैंने ग्राम स्तर पर ऐसे कई लोगों को लाभ दिलाने का हर संभव प्जिरयास किया है, जिनके पास न पक्का घर था और न ही शौचालय की व्यवस्था थी। जब उन्हें सरकार के द्वारा मिलने वाले योजनाओं का लाभ मिल जाता था तो एक आत्मसंतुष्टि मिलती थी। ऐसे ही अनुभवों के कारण मेरा सरकार के साथ जुड़कर काम करने का अनुभव अच्छा रहा है।
3) करियर में अभी तक की क्या बड़ी सफलताएं रहीं हैं? क्या आप एक या दो के बारे में बता सकते हैं?
जवाब: अभी तक मेरे मेरे कार्यकाल की 2 मुख्य सफलताएँ रही हैं:
मैं वर्ष 2012 में पंचायत थुनाकला में ग्राम सचिव के पद पर काम कर रहा था। मैंने वहां देखा की गाँव की महिलाओं को बाहर शौच के लिए जाना पड़ता था। तब हमने इसके बारे में प्रयास किया तथा हम ग्राम के छोटे बच्चों और कुछ जागरूक महिलाओं को साथ लेते हुए बाहर शौच करने वाले लोगों को इससे रोकने का निर्णय लिया। बाहर शौच करने के बाद जब लोग वहां से गुजरते थे, तो हम उन्हें फूल देते थे जिसके कारण उनको भी शर्म आने लगी तथा धीरे-धीरे लोग इस बात की गंभीरता को समझने लगे। 2014 में जब केंद्र सरकार ने बाह्य शौच मुक्त करने की मुहीम चलाई तब उसके पहले ही हमने थुनाकला ग्राम पंचायत को पूर्ण रूप से बाह्य शौच मुक्त कर दिया था। हमारे इस प्रयास के लिए जिला कलेक्टर ने भी हमें सम्मानित किया था। जैसा की मैंने पहले बताया की हमारे साथ इस पहल में बच्चे भी शामिल थे जिनकी संख्या 84 थी अतः इन सभी बच्चों को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा एक कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए सम्मानित किया गया था तथा 51000 राशि भी उन बच्चों के समूह को दी गई।
राज्य सरकार द्वारा एक योजना चलाई जा रही थी, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से जिस भी घर में कन्या का जन्म होता था, उस घर में जाकर मिठाई बाँटना एवं कन्या के माता-पिता को सम्मनित करने का काम किया जाता था।
एक अन्य सफलता की अगर बात करूँ तो जैसा की मैंने शुरू में आपको बताया था की मैं शुरुआती दिनों में कंप्यूटर से सम्बंधित कार्य करता था। जब सरकार द्वारा यह सोचा गया की सभी ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन करना है तो उस समय जब कुछ-कुछ पंचायतें जो बहुत अच्छी थी वह केवल 40 से 50 प्रतिशत ही ऑनलाइन हो पाई थीं और हमने अपनी पंचायत को सबसे पहले ऑनलाइन किया था, जिसके लिए हमारी पंचायत को सम्मानित भी किया गया था। हमारी पंचायत को मध्य प्रदेश की पहली ISO ग्राम पंचायत का दर्जा भी मिला।
4) इन सफलताओं के रास्ते में क्या कुछ अनोखी मुश्किलें या परिस्थितियां सामने आयीं? इनका समाधान कैसे हुआ? क्या आप अपने अनुभवों से इसके उदाहरण दे सकते हैं?
जवाब: वैसे तो इसके लिए बहुत सारी मुश्किलें आयीं। कई बार हमें बेवजह पुलिस थाने के चक्कर भी लगाने पड़े, लेकिन हमारी मुहीम के बारे में जब पुलिस प्रशासन को मालूम चला तो हमें उनका भी समर्थन मिला। उदाहरण के लिए हमने गांव की माता बहनों के साथ मिलकर गांव में चल रही अवैध शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए मुहिम छेड़ी तथा घर-घर जाकर लोगों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। हमने गांव की माताओं-बहनों के साथ मिलकर गांव में चल रही शराब की अवैध दुकानों को बंद करवाने के लिए शासन-प्रशासन को ज्ञापन दिया। प्रशासन द्वारा भी हमारी पूरी मदद की गई और जो अवैध शराब की दुकानें चल रही थीं, वे सभी बंद करवाई गई। उसके बाद कई लोगों द्वारा हमारी झूठी शिकायत भी की गई जिसके कारण हमें थाने भी जाना भी पड़ा तथा काफी परेशानी झेलनी पड़ी लेकिन अंततः हमारी जीत हुई।
5) बेहतर शासन और सेवा वितरण में आप अपना योगदान किस प्रकार देखते हैं ?
जवाब: मेरा मानना है कि यदि मैं सरकार की तमाम जन-कल्याणकारी योजनाओं को प्रत्येक पात्र व्यक्तियों को पहुंचा सकूं तो वही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसी सोच के साथ मैं हमेशा अपना काम करता हूँ कि कैसे मैं लोगों को उनका हक़ दिला पाने में अपनी भूमिका निभा सकता हूँ।
6) अपने काम के किस पहलु से आपको ख़ुशी मिलती है?
जवाब: वैसे तो मुझे मेरे सभी काम अच्छे लगते हैं, पर जैसा की मैंने आपको पहले भी बताया की हम सरकार की योजनाओं के द्वारा गरीब ग्रामवासीयों को लाभ दिलाने का काम करते हैं और जब उनको योजना का लाभ मिल जाता है तो जब वो हमें आशीर्वाद देते और दुआ देते हैं, यदि सब मुझे बहुतअच्छा लगता है।
7) i) अच्छे अधिकारी के 3 ज़रूरी गुण
जवाब: 1. सबसे पहले तो वह अधिकारी ज़मीनी हक़ीकत को समझे तथा उसी को ध्यान में रखते हुए योजना या नियम बनाये।
2. जो अधिकारी ज़मीनी स्तर पर काम करता है, उससे स्वाभाविक तौर पर कई बार कुछ गलती भी हो जाती है। उस स्थिति में उच्च अधिकारीयों को अपने अधिकारी को लोगों के बीच फटकार लगाने के बजाय, उसको अच्छे से समझाए ताकि वह दुबारा वही गलती न दोहराये।
3. अधिकारी को चाहिए की यदि अगर कोई कर्मचारी अच्छा काम करता है तो उसको सम्मानित करे, जिससे वह भविष्य में और भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित होगा।
ii) काम से सम्बंधित वह ज़िम्मेदारी जिसमें सबसे ज़्यादा मज़ा आता हो।
जवाब: मुझे मेरे कार्यक्षेत्र के अपने सभी प्रकार के कार्य करने में मज़ा आता है। सरकार द्वारा मुझे जो भी कार्य सौंपे जाते हैं, उसे पूरी निष्ठा से लाभार्थियों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ।
iii) अपने क्षेत्र में कोई ऐसा काम जो आप करना चाहते हो, मगर संरचनात्मक या संसाधन की सीमाएँ आपको रोक देती हैं-
जवाब: नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता! बल्कि हमें ज़मीनी स्तर पर नवाचार करने के लिए कभी नहीं रोका नहीं जाता, हम अपने स्तर पर नए-नए नवाचार कर सकते हैं।