‘साथियों के विचार’- बृजेन्द्र सिंह
नमस्ते! मेरा नाम बृजेन्द्र सिंह है। मैं मध्य प्रदेश के सतना जिले में शिवा ग्रामीण विकास संस्थान से जुड़ा हूँ। मैं पिछले लगभग 15 वर्षों से सामाजिक क्षेत्र के कार्यों से जुड़ा हूँ, जहाँ मुझे सरकार में बैठे अधिकारीयों तथा आम नागरिकों के साथ मिलना रहता है।
वैसे तो जब हम ज़मीनी स्तर पर कार्य करते हैं तो बहुत सी चुनौतियों का सामना करते हैं। अलग-अलग संस्थाओं की अपनी-अपनी विशेषज्ञता होती है तथा जो साथी इनमें काम करते हैं वो अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए सरकार और लोगों के साथ जुड़ने का ख़ासा अनुभव रखते हैं। अब ज़रूरी यह हो जाता है कि हम ऐसी संस्थाओं की तलाश करें तथा अपने काम का बेहतर प्रभाव बढ़ाने के लिए उनसे समय-समय पर जुड़ते रहें।
इसी क्रम में में मुझे एकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव संस्था द्वारा ‘हम और हमारी सरकार’ कोर्स में भाग लेने का अवसर मिला।
कोर्स करने से पहले मेरी स्वयं की धारणा सरकार के प्रति एकदम नकारात्मक थी यानी मेरा मानना था कि सरकार में बैठे अधिकारी जान बूझकर हमारा काम नहीं करते। यहाँ तक की पैसा जब किसी लाभार्थी को नहीं मिलता था तो मुझे लगता था की इसके पीछे भी सरकार ही इसका बड़ा कारण है और इसे मैं भ्रष्टाचार से भी जोड़कर देखता था।
‘हम और हमारी सरकार’ कोर्स के बाद मेरी सोच में काफी बदलाव आया है। कोर्स के माध्यम से मैंने सरकार के तंत्र को बारीकी से जाना तथा इसमें मुझे मालूम चला की सरकार का पूरा सिस्टम ही इतना जटिल है की कोई चाहते हुए भी लोगों को सेवाएं बेहतर कैसे दे सकता है। मेरी विचारधारा एकदम बदल गयी जिसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि मैंने सरकार के प्रतिनिधियों से किसी भी योजना व समस्या के बारे में उलझना छोड़कर समस्या के सकारात्मक हल के लिए पहल करना शुरू कर दिया। इस पूरे क्रम में सरकार में बैठे लोगों को भी यह अहसास होना शुरू हुआ कि ये हमारे प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि सहयोगी हैं। जिससे हमारा रिश्ता भी उनसे काफी अच्छा हो गया। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है की यह यह सोच बड़ी मुश्किल से बन पाती है तथा यह एक नियमित प्रक्रिया है जिसे बनाये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।
इस कोर्स के माध्यम से हमने समझा की हमारे देश में अलग-अलग स्तर की सरकार के क्या मायने हैं तथा क्यों हर स्तर की सरकार होना एक आदर्श स्वरुप है। इस कोर्स के तहत हमने यह भी सीखा की सरकार अधिकारीयों और पैसे के बिना नहीं चलती जिसके लिए उस पूरे सिस्टम को समझना बहुत ज़रूरी है ताकि हमारी समझ और गहरी हो पाए। यही नहीं, हमने इस कोर्स के माध्यम से यह भी समझा की हर चीज़ के लिए सरकार को दोष देना सही नहीं है बल्कि हम नागरिक अपनी ज़िम्मेदारी किस तरह से पूरे सिस्टम में निभा सकते हैं यह सब समझ हमें इसी कोर्स के द्वारा हो पायी।
मैंने इस कोर्स के माध्यम से जितना सीखा है, उसे मेरे सामाजिक कार्य में इस्तेमाल कर रहा हूँ। यानी मुझे मालूम है कि मुझे किस कार्य के लिए किस अधिकारी के पास जाना होगा तथा अगर पैसा कहीं अटक जाता है तो उसको कैसे ट्रैक किया जाता है। मुझे लगता है कि यह कोर्स सभी को करना चाहिए ताकि इससे सीखकर हम अपने कार्य में सकारात्मक बदलाव लाकर अपने लिए व् समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। अतः सबसे ज़रूरी पहलु यह है कि हम सभी को नियमित तौर पर एक दुसरे से सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।