इस बार बजट देखने से पहले इन शब्दों के अर्थ ज़रुर जान लें।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी केन्द्रीय बजट 1 फरवरी को केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जायेगा। बजट के दौरान कुछ ऐसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं, जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में कम इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए हम आपके लिए बजट से जुड़े ऐसे ही कुछ कठिन शब्दों को सरल भाषा में बताने की कोशिश कर रहे हैं!
सवाल: वार्षिक वित्तीय विवरण क्या होता है?
जवाब: संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार हर वित्त वर्ष में भारत सरकार के वित्त मंत्री द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के संबंध में अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण संसद में प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। साल भर कौन सी योजनाएं काम करेंगी किसके लिए कितना बजट है, शिक्षा, कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य, रक्षा और आम आदमी से जुड़ी अन्य कई जरुरतों पर 1 फरवरी को लेखा-जोखा पेश किया जाता है। इसे वार्षिक वित्तीय विवरण अथवा बजट कहा जाता है।
सवाल: आम बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर होता है?
जवाब:
- आम बजट में पूरे वित्त वर्ष के आय और व्यय का लेखा-जोखा होता है जबकि अंतरिम बजट में कुछ महीने देश चलाने के लिए खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता होती है।
- आम बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिए लागू होता है जबकि, अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश होता है यानि जिस साल लोकसभा चुनाव होने हो उसी साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है।
- आम बजट में सरकार नीतिगत फैसले लेती है और उसे वित्त वर्ष में पूरा करने की कोशिश करती है| अंतरिम बजट में कोई ऐसा नीतिगत फैसला नहीं लिया जाता जिसके लिए संसद से मंजूरी लेनी पड़े। अंतरिम बजट के फैसलों को आगामी सरकार पलट सकती है।
- आम बजट में टैक्स की दरों में थोड़े-बहुत परिवर्तन किये जा सकते हैं लेकिन अंतरिम बजट में आम तौर पर टैक्स में नीतिगत फैसले नहीं लिए जाते।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में आम बजट का प्रावधान है जबकि अंतरिम बजट का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 116 में है।
सवाल: सरकार की संचित निधि का क्या अर्थ होता है?
जवाब: सरकार को प्राप्त सभी राजस्व, बाजार से लिए गए ऋण और स्वीकृत ऋणों पर प्राप्त ब्याज संचित निधि में जमा होते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 के तहत स्थापित यह ऐसी निधि है जिसमें समस्त एकत्रित कर/राजस्व जमा, लिये गये ऋण जमा किये जाते हैं। यह भारत की सर्वाधिक बड़ी निधि है जो कि संसद के अधीन रखी गयी है, कोई भी धन इसमें बिना संसद की पूर्व स्वीकृति के निकाला/जमा नहीं किया जा सकता।
सवाल: लोक लेखा खाता क्या होता है?
जवाब: इस खाते का गठन संविधान के अनुच्छेद 266 (2) के तहत किया गया है। यह उन लेनदेन के प्रवाह के लिए है, जहां सरकार केवल एक बैंकर के रूप में कार्य कर रही है क्योंकि यह धनराशि सरकार की नहीं बल्कि नागरिकों की होती है। सरकार को निर्धारित समय पर यह पैसा अपने सही मालिकों को वापस भुगतान करना होता है। उदाहरण के तौर पर जैसे प्रोविडेंट फंड्स, स्मॉल सेविंग्स, फण्ड डिपॉजिट्स इत्यादि होते हैं।
सवाल: बजटीय घाटे का क्या मतलब होता है?
जवाब: बजटीय घाटा सरकार के राजस्व और पूंजी खाते दोनों में सभी प्राप्तियों और खर्चों के बीच का अंतर है। यदि सरकार का राजस्व व्यय राजस्व प्राप्तियों से अधिक है, तो इससे राजस्व खाता घाटा होता है। इसी तरह, यदि सरकार की पूंजी संवितरण पूंजी प्राप्तियों से अधिक है, तो यह पूंजी खाता घाटे की ओर जाता है। बजटीय घाटा आमतौर पर जीडीपी के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
सवाल: जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) यानी सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते हैं!
जवाब: जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे ज़रूरी पैमाना है। जीडीपी किसी ख़ास अवधि के दौरान वस्तु और सेवाओं के उत्पादन की कुल क़ीमत है। भारत में जीडीपी की गणना हर तीसरे महीने यानी तिमाही आधार पर होती है। भारत में कृषि, उद्योग और सर्विसेज़ यानी सेवायें तीन प्रमुख घटक हैं जिनमें उत्पादन बढ़ने या घटने के औसत के आधार पर जीडीपी दर तय होती है। आसान शब्दों में, अगर जीडीपी का आंकड़ा बढ़ा है तो आर्थिक विकास दर बढ़ी है और अगर ये पिछले तिमाही के मुक़ाबले कम है तो देश की माली हालत में गिरावट का रुख़ है|
सवाल: एफआरबीएम एक्ट क्या होता है?
जवाब: वित्तीय दायित्व और बजट प्रबंधन कानून (एफआरबीएमए) को भारतीय संसद ने वर्ष 2003 में पास किया था। इसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन को संस्थागत रूप देना, वित्तीय घाटे को कम करना व माइक्रो इकोनॉमिक मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के साथ ही बैलेंस और पेमेंट को व्यवस्थित करना है।
इसे लागू करते समय यह लक्ष्य रखा गया था कि वर्ष 2008 तक वित्तीय घाटे को जीडीपी के तीन फीसदी के स्तर पर लाया जाएगा, लेकिन वर्ष 2008 में शुरू हुई आर्थिक मंदी के चलते यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। इसे देश में पारदर्शी वित्तीय मैनेजमेंट तंत्र की स्थापना करने के लिए लाया गया है। साथ ही, लंबी अवधि तक वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना भी इसका एक उद्देश्य है।
सवाल: ‘विनियोग विधेयक’ क्या होता है?
जवाब: विनियोग विधेयक सरकार को किसी वित्तीय वर्ष के दौरान व्यय की पूर्ति के लिये भारत की संचित निधि से धनराशि निकालने की शक्ति देता है। बजट प्रस्तावों और वोटिंग ऑन डिमांड फॉर ग्रांट्स पर सरकार लोकसभा में विनियोग विधेयक पेश करती है। विनियोग विधेयक लोकसभा में बजट प्रस्तावों और अनुदानों की मांगों पर चर्चा के बाद पेश किया जाता है।
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