फील्ड के तरीके: ई- संजीवनीओपीडी

भारत में बड़े सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी और मरीज़ों की लम्बी कतारें तो आपने देखी ही होगी! ये कतारें ख़ासकर उन लोगों के लिए और भी कष्टदायी हो जाती है, जो दूर-दूर से इन बड़े अस्पतालों में चिकित्सकीय परामर्श लेने की आशा में आये रहते हैं।

दरअसल स्वास्थ्य, एक ऐसा विषय है जिस पर हमारी भागती जिन्दगी में कमोबेश चर्चा होती ही रहती है। हम-आप आमतौर पर अपने आसपास के लोगों को अस्पताल जाते और उनसे डॉक्टर्स का समय न मिलना या अस्पतालों की अधिक दुरी पर होने से लोगों को आने वाली मुश्किलों से जुड़ी शिकायते सुनते ही रहते हैं। यही नहीं, इसको लेकर हम सभी अपने-अपने स्तर पर यथासंभव कदम भी उठाते ही हैं। परन्तु आज के समय में कुछ ऐसे ऑनलाइन माध्यम भी हैं, जिनसे घर बैठे कुछ और भी मदद तो ज़रूर हो सकती है।

हालांकि आपको याद होगा, हमने कुछ समय पहले आपकी सुविधा के लिए ई-गवर्नेंस एवं सशक्तता के लिए सूचनाओं के अहम माध्यम जैसी सीरिज़ शुरू की, जहाँ हम विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से आपको रूबरू कराते हैं ताकि आप इन माध्यमों का बेहतर उपयोग कर सकें।

इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल की, जहाँ आप घर बैठे चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।   

तो आइये इस पर बात शुरू करते हैं –

ई -संजीवनीओपीडी पोर्टल, केन्द्र सरकार के स्तर पर कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गयी पहल का हिस्सा है जो लगभग हर राज्य में संचालित है। इस पोर्टल पर चिकित्सीय परामर्श लेने का समय राज्यवार अलग-अलग हो सकता है, जिसके बारे में आप यहाँ क्लिक करके अधिक जान सकते हैं। 

ई -संजीवनी ओपीडी पोर्टल को उपयोग लेने के लिए आपको कुल 4 चरण अपनाने होंगे: 

1.रजिस्ट्रेशन एंड टोकन जनरेट – इसके लिए सबसे पहले यहाँ जाकर आपको अपना मोबाइल नंबर वेरीफाई करना होगा, फिर पेशेंट रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा तथा साथ ही यदि आपके पास पहले के कोई उपचार पर्ची , मेडिकल हिस्ट्री आदि है तो वो भी अपलोड कर सकते हैं। पूरी डिटेल के बाद आपको टोकन (पेशेंट आईडी) जारी हो जाएगा, जिसकी सुचना मैसेज द्वारा आपको प्राप्त हो जायेगी।

2.लॉग इन-  मैसेज द्वारा सुचना आने का इन्तजार करें, सुचना आने के बाद आपको मैसेज द्वारा प्राप्त पेशेंट आईडी से लॉग इन करना होगा। लॉग इन के बाद आप वेटिंग रूम में आ जायें।

3.वेट- वेटिंग रूम में यदि पहले से डॉक्टर किसी मरीज़ को देख रहे हैं तो लाइन में आपको पंक्ति नंबर दिया जायेगा। जैसे ही डॉक्टर आपसे बात करने के लिए तैयार होंगे कॉल नाउ का बटन एक्टिवेट हो जायेगा जिस पर आपको 120 सेकंड में  क्लिक करके बात शुरू करनी होगी।

4.कंसलटेशन- आपकी बातचीत के दौरान डॉक्टर आपके लिए प्रिस्क्रिप्शन लिखेंगे जो आपको कॉल के अंत में दिखाई देगा। इसी प्रिस्क्रिप्शन से आप नज़दीकी दवा केंद्र से दवा भी ले सकते हैं।

तो इस तरह से आप ऐसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके सामान्य परिस्थितियों में अस्पतालों के चक्कर लगाने से बच सकते हैं।

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