हम शायद ही ब्लॉक पंचायत सदस्यों के पास जाते हैं!
हमें आमतौर पर ग्राम पंचायत के अंतर्गत सामाजिक सरोकार से जुड़े जो भी कार्य करवाने होते हैं,उनके लिए हम सरपंच पर ही निर्भर रहते हैं।
सरपंच, जो ग्राम पंचायत में समस्त विकास कार्यों को लागू करवाने की एक ज़मीनी लोकतांत्रिक कड़ी है। परन्तु जब कभी आपको लगता है कि सरपंच महोदय आपके कार्यो में रूचि नहीं ले रहे हैं अथवा सहयोग करने में असमर्थता दिखा रहे हों, तो अब अगली कड़ी कहाँ है या किसके पास जाया जाए जहाँ आप अपनी चर्चा रख सकते हैं तो आप में से लगभग साथी ब्लॉक लेवल पर चुने गये मुखिया के लिए कहेंगे, जिन्हें प्रधान या अध्यक्ष कहते हैं।
परन्तु सच यह है कि आप उस कड़ी को भूल रहे हैं जो आपके क्षेत्र से चुने गये हैं यानि आपके क्षेत्र के ब्लॉक पंचायत सदस्य (BDC)। इन्ही के वोट से अध्यक्ष अथवा प्रधान चुने जाते हैं। ये सरपंच एवं प्रधान के मध्य समन्वय स्थापित करने की अहम् कड़ी होते हैं। खासकर ये अपने क्षेत्र के विकास कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आईये जानते हैं कि आख़िर ब्लॉक पंचायत (BDC) सदस्य आपके लिए क्या कर सकते हैं?
राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के नियम संख्या 37 के अनुसार ब्लॉक पंचायत सदस्यों की भूमिका मुख्यतः तीन सूत्री है:
1.ब्लॉक पंचायत सदस्य उम ग्राम पंचायतो की बैठकों में भाग ले सकते हैं, जिनमें वह साधारणतया निवास करते हैं।
2.ब्लॉक पंचायत सदस्य जिस ग्राम पंचायत के निवासी हैं, उसकी ग्राम सभा द्वारा उनका नाम सतर्कता समिति में निर्देशित किया जा सकेगा।
3.पंचायत समिति सदस्य पंचायत समिति एवं वहां की स्थायी समिति सदस्य के रूप में मिले कार्यों को सम्पन्न करेंगे तथा इनसे जुड़े विषयों में समन्वय की भूमिका निभाएंगे ।
तो साथियों, इन सूत्रों से स्पष्ट होता है कि ब्लॉक पंचायत सदस्य ऐसे कई विकास कार्यो में हमारी सहायता कर सकते हैं, जिनमें बजट या अन्य कारणों से ग्राम पंचायत असमर्थता जाहिर कर दे। दूसरा वे ग्राम पंचायत के मूल्यांकन एवं निगरानी कार्यो में भी सतर्कता समिति के सदस्य होने के नाते ये हमारी भरपूर सहायता कर सकते हैं। यदि वे ब्लॉक पंचायत स्तर पर किसी स्थायी समिति के सदस्य है तो वे उस क्षेत्र में भी हमारी मदद कर सकते हैं।
तो अगली बार आप उपरी माध्यमों में जाने की कोशिश करें ब्लॉक पंचायत सदस्य से एक बार जरुर चर्चा कीजियेगा। ये चर्चा शायद आपके लिए कारगार साबित तो हो ही सकती है, साथ ही समय की भी बचत होगी।
साथियों,
ये लेख राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम पर आधारित है, यदि अन्य राज्य के साथी इस विषय पर जानकारी चाहते हैं तो हमें humaari.sarkaar@cprindia.org ईमेल पर जरुर लिखिए। हम यथाशीघ्र आपको जवाब देने का प्रयत्न करेंगे।
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