प्रशासन के सितारे- प्रियंका कुमारी
‘प्रशासन के सितारे’ के सेक्शन में आईये आपको बिहार के पूर्णिया जिला की प्रियंका कुमारी जी से मिलवाते हैं और उनसे जानते हैं कि वह किस तरह से शासन में अपनी भूमिका निभा रही हैं!
सवाल: आप अभी किस विभाग में तथा किस पद पर काम कर रही हैं? आपका मुख्य कार्य क्या है?
जवाब: मैं वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई पूर्णिया में प्रमंडलीय आशा समन्वयक के पद पर 2019 से कार्यरत हूँ।
मेरा मुख्य कार्य आशा से संबन्धित सभी प्रकार के प्रतिवेदनों को प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिलों से मंगवाकर संकलित कर राज्य स्वास्थ्य समिति पटना, बिहार को भेजना होता है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य सभी गतिविधियों का प्रखण्ड से जिला स्तर तक अनुश्रवण करना। इस दौरान आने वाली विभिन्न समस्याओं का यथोचित समाधान करना व राज्य को इससे अवगत कराना मेरे मुख्य कार्य हैं।
सवाल: अभी तक के सफर में सरकार से जुड़कर काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा है ?
जवाब: अभी तक सरकार के साथ स्वास्थ्य सेवा पर कार्य करने का अनुभव काफी नई चीज़ों को सीखने वाला रहा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसी आपदा की घड़ी में हम अपने कर्तव्य स्थल पर डटे रहे। हमने समुदाय में स्वास्थ्य संबंधी बरती जाने वाली सावधानियों व सुविधाओं को पहुंचाने के लिए तत्पर व प्रयत्नशील रहे हैं। सरकार द्वारा दिये गए आदेशों के अनुसार जिला व प्रखण्ड अस्पतालों मे कोविड-19 की जांच करवाना, संक्रमित लोगों को बेहतर इलाज प्रदान कराना, संक्रमितों के संपर्क मे आये लोगों का लिस्ट तैयार करके उन्हे जांच के लिए भेजना व उस स्थल को सील करवाना, अलग–अलग कार्यों की समीक्षा करते हुए संकलित प्रतिवेदनों के माध्यम से राज्य को अवगत करवाना जैसे कार्य मुख्य रूप से है।
सवाल: करियर में अभी तक की क्या बड़ी सफलताएं रहीं हैं? एक या दो के बारे में बताईये?
जवाब: मेरे करियर की शुरुआत से ही समाज सेवा जैसे कार्यों मे दिलचस्पी रही है। वृद्धजनों एवं गरीब व असहाय महिलाओं के प्रति मेरी खास सहानुभूति थी। मैं हरसंभव उनकी मदद के लिए प्रयत्नशील रही। इसी दौरान मेरा चयन प्रमंडलीय आशा समन्वयक के रूप में हुआ। इस पद के माध्यम से मैं प्रत्यक्ष रूप से ज़मीनी स्तर पर काम कर रही आशा कार्यकर्ता से जुड़ने का मौका मिला। मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता – पूर्णिया प्रमंडल के अंतर्गत 4 जिला पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज को मिलाकर कुल 46 प्रखंडों मे लगभग 12,000 आशा कार्यकर्ता के साथ जुड़ी हूँ जोकि मेरे अधीन आती हैं।
मैं आशा कार्यकर्ता से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं को सुनती हूँ, और उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास करती हूँ। प्रखण्ड स्तर से जिला स्तर तक उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयत्नशील रहती हूँ। एक महिला पदाधिकारी होने के नाते आशा कार्यकर्ता खुलकर मुझसे अपनी समस्याओं को खुलकर मुझसे अपनी समस्याओं को साझा करती हैं। यह मेरे लिए गर्व के साथ-साथ एक बड़ी उपलब्धि भी है की मैं जमीनी स्तर पर इनके साथ जुड़कर महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करने की एक कड़ी बन पाई हूँ।
सवाल: इन सफलताओं के रास्ते में क्या कुछ अनोखी मुश्किलें या परिस्थितियां सामने आयीं? इनका समाधान कैसे हुआ? क्या आप अपने अनुभव से इसके उदाहरण दे सकते हैं?
जवाब: मैं एक महिला पदाधिकारी हूँ, इसीलिए शुरुआत में मुझे लगा की मैं चार ज़िलों को कैसे संभालूँगी इतनी बड़ी टीम है। परंतु धीरे–धीरे सब आसान हो गया जिसके लिए सीनियर और जूनियर पदाधिकारियों का बहुत ही सपोर्ट मिला, जिससे मेरा रास्ता आसान होते गया और मुझे अब चारों जिलों मे काम करने मे किसी प्रकार परेशानी नहीं होती है। पहले जिला स्वास्थ्य प्रबन्धक सहयोग नहीं करते थे, लेकिन प्रमंडलीय स्वास्थ्य प्रबन्धक सर का काफी सहयोग मिला जिससे अभी मुझे काम करने में किसी प्रकार कोई परेशानी नहीं होती है।
सवाल: बेहतर शासन और सेवा वितरण में आप अपना योगदान किस प्रकार देखते हैं?
जवाब: स्वास्थ्य विभाग का यह पद जिम्मेदारियों से भरा है। मैं अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा जागरूक रहकर सरकार द्वारा दिये गए कार्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करती हूँ। ज़मीनी स्तर पर कार्यरत आशा दीदी की परेशानियों को सुनकर उसको उचित स्तर यथा (प्रखण्ड या जिला) पर समाधान करने का प्रयत्न करती हूँ। समाज में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक बनाना हमारा लक्ष्य है ताकि हर वर्ग के लोगों को सुविधाएं समय पर मुहैया करवाई जा सके।
सवाल: अपने काम के किस पहलू से आपको ख़ुशी मिलती है?
जवाब: आशा कार्यकर्ता एक ऐसा समाजसेवी पद है, जिस पर केवल महिला कर्मी ही कार्य करती है। आशा कार्यकर्ता का कार्य लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देना व स्वास्थ्य केंद्र तक लाना है। अर्थात आशा दीदी समाज को स्वास्थ्य से जोड़ने की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिन्हें विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन भुगतान मे काफी परेशानियाँ आती हैं।
आशा के माध्यम से वह अपनी परेशानियों को बताती है और उस समस्या का उचित समाधान चाहती हैं। उस वक्त मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है जब वे मुझे प्रमंडलीय आशा समन्वयक के पद पर एक महिला पदाधिकारी होने के नाते खुलकर अपनी सभी प्रकार की समस्याओं को रखती हैं। ऐसे मे मैं उनकी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक लेकर उनके उचित समाधान के लिए उनके साथ खड़ी रहती हूँ तथा समय पर उनके लिए प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए प्रखण्ड स्तर पर से जिला स्तर तक उचित कार्यवाही के माध्यम से भुगतान करवाने सफल हो पाती हूँ। उनके लिए तत्परता से खड़ा रहना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मैं खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस करती हूँ।
सवाल: आपके अनुसार एक अच्छे अधिकारी के 3 ज़रूरी गुण क्या होने चाहिये?
जवाब: मेरे अनुसार एक अच्छे अधिकारी 3 जरूरी गुण निम्न हैं:
1.अपने कर्तव्यों के प्रति सजग व ईमानदार रहना
2.कुशल नेतृत्व व व्यक्तिगत होना
3.गंभीर परिस्थितियों मे धैर्यपूर्वक काम करना
सवाल: काम से सम्बंधित वह ज़िम्मेदारी जिसमे सबसे ज़्यादा मज़ा आता हो
जवाब: कार्य का निष्पादन करना और नए–नए विषयों के ऊपर प्रशिक्षण लेना और सीखना अलग–अलग लोगों से मिलना और उनके अनुभव से सीखकर नया करना, अपने टीम का कुशल नेतृत्व करना इन सभी कामों को करने मे मुझे आनंद आता है ।
सवाल: अपने क्षेत्र में कोई ऐसा काम जो आप करना चाहते हो मगर संरचनात्मक या संसाधन की सीमाएँ आपको रोक देती हैं
जवाब: मुझे कार्य को समय पर करना पसंद है परंतु जिला और प्रखण्ड स्तर पर रिक्त पदों के कारण रिपोर्ट्स राज्य को समय पर नही भेज पाती हूँ, जिस कारण से कभी-कभी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।