हिमाचल प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव – सरपंच व वार्ड पंच के कर्तव्य

हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव नजदीक है, हमने अपने पिछले लेखों में ग्राम सरपंच के निर्वाचन से जुडी कुछ अहम बाते आपके साथ साझा की थी ,आइये अब जाने, चुन कर आने के बाद ग्राम पंचायत सरपंच व वार्ड पंच के कर्तव्य क्या होते है :

ग्राम प्रधान की जिम्मेदारियां :
ग्राम पंचायत और ग्राम सभा से संबंधित कर्तव्य हैं, जिनका निर्वहन ग्राम प्रधान (सरपंच) को करना होता है | महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां जिनका पालन करना ग्राम प्रधान के लिए बहुत जरूरी होता हैं, वह निम्नलिखित दी गयी हैं।

1.ग्राम पंचायत और सभा की बैठकों का आयोजन करना और उनकी अध्यक्षता करना |
2.ग्राम पंचायत में होने वाले कार्यों की देखभाल करना |
3.केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित योजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू करना |
4.सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों को करवाना |
5.पंचायत क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करना |
6.पंचायत क्षेत्र में होने वाले कार्यों में कार्यरत वार्ड मेम्बर के कार्यों की देखरेख करना और उन्हें दिशा निर्देशित करना |

ग्राम प्रधान के कार्य :
ग्राम प्रधान के अंतर्गत सम्पूर्ण ग्राम पंचायत में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी कार्य आते हैं, जिनमें पशुपालन, दुग्ध, उधोग, मुर्गी पालन, कुटीर उधोग, ग्राम स्वच्छता, पेयजल व्यवस्था, सड़क व भवन निर्माण और विधुतीकरण सम्बंधित जैसे और भी कार्य शामिल हैं | इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों के लिए शुरू की गई सभी योजनाओं की जानकारी देना और उनका क्रियान्वयन करना शामिल हैं | निम्नलिखित संभंदित कार्य की देखरेख भी सरपंच ही करते हैं।

1.कृषि सम्बंधी कार्य|
2.ग्राम्य विकास सम्बंधी कार्य|
3.प्राथमिक विधालय, उच्च प्राथमिक विधालय व अनौपचारिक शिक्षा के कार्य|
4.युवा कल्याण सम्बंधी कार्य|
5.सार्वजानिक नलकूपों की मुरम्मत व रख-रखाव|
6.नलकूपों की मुरम्मत एवं रख रखाव एवं स्वास्थ्य सम्बंधी कार्य|
7.महिला एवं बाल विकास सम्बंधी कार्य|
8.समस्त प्रकार की पेंशन को स्वीकृत करने व वितरण का कार्य|
9.समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों को स्वीकृती करने व वितरण का कार्य|
10.राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण|
11.ग्राम पंचायत के स्वयं के आय स्त्रोत को विकसित करना|

वार्ड पंच की संरचना :

हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 के अनुसार वार्ड सभा के सभी कृत्य सम्पन्न करवाना, वार्ड सभा का अध्यक्ष होने के नाते, वार्ड पंच का प्रमुख दायित्व है | वार्ड सदस्य को सम्बन्धित वार्ड/गाँव की जनता द्वारा चुना जाता और काफी अपेक्षाएं रखी जाती है | संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, वार्ड सदस्य ग्राम पंचायत के आर्थिक व समाजिक विकास हेतु पूर्णतया उत्तरदायी है | वार्ड सदस्य होने के नाते सामान्य दायित्व निम्न है :

वार्ड पंच के दायित्व :

1.वार्ड सभा जनता के प्रति जवाबदेही का सीधा मंच है | अत: हर वार्ड पंच का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि अपने वार्ड की वार्ड सभा में, वार्ड क्षेत्र में सम्पन्न समस्त विकास कार्यों का ब्यौरा रखे, निर्माण कार्यों पर हुए खर्च का ब्यौरा रखे तथा जनता की राय से आगामी वर्ष से वंचित विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करे |
2.वार्ड में सम्पन्न होने वाले कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते समय ध्यान रखे कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, कितना पैसा आया, कितना खर्च हुआ, कितना भुगतान हो चूका है अथवा शेष है |
3.हर वार्ड सभा के स्थाई एजेन्डा के रूप में यह भी निगरानी रखना कि आपके वार्ड में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, ए.एन.एम. स्कूल टीचर, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, हैण्डपम्प, मिस्त्री, राशन डीलर आदि विकास कर्मी नियमित और सही सेवायें दे रहे कि नही |
4.वार्ड सदस्य द्वारा क्षेत्र में, चलाई जाने वाली विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करवाकर उनकी प्राथमिकता-गाँव वालों की जरूरत के आधार पर योजनायें तैयार कर ग्राम पंचायत प्रधान को इससे अवगत करना मुख्य रूप से है |
5.वार्ड क्षेत्र में, विभिन्न विकास योजनाओं के पात्र व्यक्तियों को जरुरत आधारित प्राथमिकता के क्रम में चिन्हित करवायें | विकास योजनाओं को सही रूप से लागू करने में पंचायत को सहयोग प्रदान करना है |