‘हमसे सवाल पूछें’ – विजय कुमार (बिहार)
‘हमसे सवाल पूछें’ सेक्शन के अंतर्गत हमारे पास आप जैसे कई साथियों के सवाल आ रहे हैं! कुछ दिन पहले हमसे बिहार से विजय कुमार जी ने सवाल किया, जिनका जवाब हमारी टीम ने इस प्रकार दिया:
सवाल: मेरे गांव में एक व्यक्ति हैं जिनकी उम्र लगभग 45 वर्ष है और वह दोनों पैरों से विकलांग है। अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए उन्हें तीन पहिया साइकिल की आवश्यकता है। कृपया आप हमें यह बताएं कि मैं उनकी किस तरह से मदद कर सकता हूं। क्या बिहार सरकार द्वारा उनको तीन पहिया साइकिल देने की कोई व्यवस्था है यदि है तो कृपया इसके सम्बन्ध में विस्तार से बताएं।
जवाब:
बिहार सरकार में विकलांग व्यक्ति के लिए तीन पहिया साइकिल देने का प्रावधान है। सरकार यह भी सुनिश्चित करती है कि कोई भी विकलांग व्यक्ति इस लाभ से वंचित ना रह जाये।
उद्देश्य :
इस योजना का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ, परिष्कृत और वैज्ञानिक तरीके से तैयार आधुनिक मानवीकृत सहायक यंत्रों और उपकरण द्वारा जरूरतमंद दिव्यांगजनों की सहायता करना है। जिससे उनका शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुर्नवास किया जा सके और साथ –साथ उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाया जा सके।
शर्त/ प्रावधान क्या हैं:
आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज संलग्न करने होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- आवेदनकर्ता के पास विकलांग प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह प्रमाण पत्र आवेदन देने की तिथि से एक साल पुराना प्रमाण पत्र होना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास एक साल से अधिक पुराना विकलांग प्रमाण पत्र है, तो उस प्रमाण पत्र को फिर से जिला के सिविल सर्जन से सत्यापित कराना होगा।
- ट्राई साइकिल योजना में आवेदन करने के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र 80 फ़ीसदी से अधिक होना चाहिए।
- आवासीय प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बिहार का मूल निवासी होना चाहिए
- जिसकी सभी स्रोतों से मासिक आय 20,000 रूपये से अधिक नहीं हो
- व्यक्ति, जिन्होंने समान प्रयोजन के लिए पिछले 3 वर्षो के दौरान किसी स्रोतों से सहायता प्राप्त नहीं किया हो
प्रक्रिया:
उपर्युक्त दस्तावेज़ों के साथ प्रखंड में आवेदन जमा करना होता है। आवेदन रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम (RTPS) काउंटर पर जमा किया जाता है। उसके बाद उन्हें सूचना दिया जाता है कि उन्हें कब साईकिल उपलब्ध कराया जाएगा। नियमत: 45 दिन में साइकिल देने का प्रवधान है।
सामान्य रूप से निम्न प्रक्रिया के माध्यम से भी साईकिल दिया जाता है:
- कैंप लगाकर: तीन पहिया साइकिल वितरण के लिए प्रखंड में कैंप लगाया जाता है और जो भी इसके लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें इसकी सूचना पंचायत के सचिव/ शिक्षक / जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दी जाती है तथा दस्तावेज के साथ कैंप में बुलाकर उन्हें साइकिल दिया जाता है।
- विधायक / सांसद द्वारा: कभी-कभी प्रखंड / जिला स्तर पर भी जनप्रतिनिधि के माध्यम से भी वितरण किया जाता है। इसके लिए भी आमजन तक इसकी सूचना शिक्षक/ जनप्रतिनिधि/ पंचायत सचिव के माध्यम से दिया जाता है ।
शिकायत निवारण प्रक्रिया क्या है:
अगर आप विकलांग है और आप सभी नियम शर्तों को पूरा करते हैं तथा उसके बाद भी लाभार्थी को साईकिल नहीं दिया गया है तो आप शिकायत निवारण प्रक्रिया के तहत सम्बंधित प्रखंड में शिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं। आपकी शिकायत पर जांच होगी, उसके बाद आपको साईकिल उपलब्ध कराया जाएगा।
नोट: 1. विकलांगता के लिए सिर्फ साईकिल ही नहीं बल्कि इसके अलावा अनेकों लाभ दिए जाते हैं जिसके तहत प्रति महीना कुछ राशि भी दी जाती है। इसकी विस्तृत जानकारी के लिए आप एडिप योजना (1 अप्रैल 2017 से लागू) के तहत सहायक यंत्रों / उपकरणों की खरीद / फिटिंग के लिए दिव्यांगजनों को सहायता की जाती है, जिसका लिंक इस प्रकार है: https://www.alimco.in/WriteReadData/CMS/ADIP%20SCHEME.pdf
आवेदन के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं:
जानकारी निकालने का स्रोत:
- रंगेश कुमार, हेड क्लर्क ब्लॉक – संप्ताचक )
- धर्मेन्द्र कुमार , समाजिक सुरक्षा कोषांग इकाई, औरंगाबाद )
- मिथलेश कुमार एकीकृत बाल विकास परियोजना, औरंगाबाद )
- प्रखंड विकास पदाधिकारी (बिदुपुर )
- प्रखंड विकास पदाधिकारी (संपत चक, पटना)
तो ऐसे ही शासन-प्रशासन से जुड़े कोई भी सवाल आप हमसे कर सकते हैं। हमारी टीम आपके सवालों का जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेगी। सवाल पूछने के लिए आप हमें humaari.sarkaar@cprindia.org पर लिखें।