सरकार से जुड़कर काम करने का प्रयास करें!

मेरा नाम अबोध कुमार है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ। मैं पिछले 15 वर्षों से सामाजिक क्षेत्र से जुड़ा हूँ तथा पिछले 9 वर्षों से किशनगंज बिहार में प्रोजेक्ट पोटेंशियल नाम की संस्था में को-फाउंडर एवं ट्रस्टी के तौर पर कार्य कर रहा हूँ। हमारा उद्देश्य समुदाय को इस रूप से सशक्त बनाना है, जिससे कि समुदाय के लोग स्वयं से ही अपने क्षेत्र की समस्या का समाधान आपस में मिलजुल कर पाएं। इसके लिए हम समुदाय के युवाओं की क्षमता विकास पर काम कर रहे हैं। मुझे बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था तथा जहाँ पर भी मौका मिलता था, वहां अपनी एक्टिंग के माध्यम से लोगों को सन्देश अथवा जागरूक करने का काम करता था। आज मैं अपने इसी हुनर के माध्यम से अपने साथियों के साथ नागरिकों तक सरल तरीके से सूचनाएं पहुँचाने का प्रयास करता हूँ।

वर्तमान में हम कोरोना महामारी के दौर से बुरी तरह जूझ रहे हैं। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि हमारे आस-पास कई बार चीजें बदलती रहती हैं तथा जब हम अपनी मंजिल पाने के लिए उस दिशा में चलना शुरू करते हैं तो कई बार परिस्थितियां हमारे विरुद्ध भी हो जाती हैं। कई बार काम करते-करते ऐसा भी महसूस होगा कि हम जो काम कर रहे हैं उसमें उतनी सफलता नहीं मिल रही है और शायद इससे कई बार मन भी विचलित होता है। ऐसे में मुझे लगता है कि हमें अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए धैर्य के साथ-साथ आवश्यकतानुसार नयी चीजों को सीखने के लिए भी तैयार रहना होगा। काम के प्रति जूनून होना हमारे लिए बहुत जरुरी है क्योंकि जब बेहतर प्रदर्शन के लिए सीखना बंद कर देंगे, तो हमें सफलता मिलनी मुश्किल हो जाती है।

अक्सर कई साथियों से चर्चा करके यह बात निकल आती है कि सरकार से जुड़ कर काम करना तो बहुत मुश्किल है या फिर बेकार है। सरकार हमारे काम को लेकर बहुत नकारात्मक रहती है या फिर हमारे काम को महत्व नहीं देती।

लेकिन मैं इसमें यह कहना चाहूँगा की एक संस्था के तौर पर हम सभी को सरकार के साथ जुड़कर काम करना चाहिए। मानता हूँ कि मुश्किलें आती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि अन्य जगह मुश्किलें नहीं हैं। हमने जब से संस्था के तौर पर कार्य किया है मुझे हमेशा यह लगता है कि सरकार के साथ जुड़कर कार्य करना बेहद जरुरी है। आप सभी जानते हैं कि चाहे लोग हों, पैसा हो या फिर अन्य संसाधन, सरकार के पास हर तरह की क्षमता होती है जोकि संस्थाओं के तौर पर हमारे पास नहीं है। मेरा मानना है कि हम सरकार के साथ जुड़कर उसके संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं और सेवाओं बेहतर करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि हम ऐसा क्या करें कि सरकार हमसे जुड़ने के लिए तैयार हो और दोनों के बीच एक बेहतर रिश्ता कायम हो पाए?

अपने अनुभव के आधार पर सबसे पहले तो यह कहना चाहूँगा कि सरकार के साथ काम करने के लिए धैर्य रखना बहुत जरुरी है। आप जिस भी क्षेत्र में काम करते हों, सरकार के साथ शुरूआती दौर से ही काम का शेयरिंग करें। आप जो भी कार्य कर रहे हों उनका रिपोर्टिंग करें और सम्बंधित विभाग के सरकारी अधिकारी को अपने फील्ड के कार्यों में आमंत्रित करते रहें ताकि वो आपके काम और उसके प्रभाव को भी करीबी से देखें। जहाँ मौका मिले समयानुसार अधिकारीयों के साथ अपने काम का प्रेजेंटेशन दें| इसलिए इन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए हम पिछले कई वर्षों से अपने लगभग सभी प्रोजेक्ट्स सरकार के साथ मिलकर कर रहे हैं।

अगर हमें लगता है कि सरकार के सिस्टम या व्यवस्था में कुछ चीजें बिगड़ रहीं हैं, तो एक नागरिक के तौर पर सरकार ने हमारे लिए कुछ व्यवस्थाएं बना रखीं हैं जिनके माध्यम से हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं| नागरिकों की सुविधा एवं पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाये गए हैं, आप आवश्य सरकार के पोर्टल का इस्तेमाल करें तथा अपनी बात वहां रखें। सरकार विभिन्न विभागों में समितियों का निर्माण करती है, जिनमें नागरिक के तौर पर हमारे लिए भी प्लेटफार्म दिया जाता है ताकि हम भी उनमें शामिल होकर चीजों को ठीक करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए ऐसी समितियों में शामिल हों तथा सरकार तक अपनी सुझाव पेश करें।

कोविड 19 के कारण हमारे बहुत सारे प्रोजेक्टस रुक गए, लेकिन हमने ये भी मंथन किया की लोगों की डेवलपमेंट, शिक्षा जैसी बाकी चीजों पर हम थोड़ा रुककर भी काम कर सकते हैं क्योंकि जो सबसे जरुरी है, वह है लोगों की सुरक्षा। कोरोना के कारण सुरक्षा, रोजगार, राशन जैसी कई चुनौतियाँ हमारे सामने आयीं। हमने इस महामारी में लगभग 10 हजार परिवारों तक राशन पहुँचाने का काम किया ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे| इसके साथ ही जहाँ कैश की जरूरत थी, वहां पैसे भी पहुंचाए। हम अभी भी इन गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं क्योंकि आज भी हालात सामान्य नहीं हैं| लोगों को जागरूक करना भी बहुत जरुरी पहलु था इसलिए हमने रेडियो के माध्यम से 5 लाख लोगों तक इस महामारी के प्रति जागरूक करने का काम किया।

अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की जिस तरह की विभिन्न चुनौतियाँ हमारे सामने हैं, उनसे निपटने के लिये हम सभी को नयी-नयी चीजें सीखने के लिए एक जिज्ञासु के तौर पर हमेशा तैयार रहना होगा। अपने काम को आगे ले जाने के लिए रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल करन होआग ताकि किसी भी परिस्थिति में आप अपने लक्ष्य तक पहुँच पाएं। अपनी आस-पास की संस्थाओं के बारे में अवश्य जानकारी रखें, उनसे समय-समय पर अपने काम को साझा करते रहें। जहाँ आवश्यक हो, एक दुसरे की मदद के लिए आगे आयें ताकि एक बड़ा नेटवर्क भी बने तथा हमारे काम का दायरा भी बढ़ता रहे। जब सरकार आपके काम और उसके परिणाम को देखती है तो धीरे-धीरे आपको अपने सिस्टम में भी शामिल करती है।

मैं हम और हमारी सरकार कोर्स और वेबसाइट की टीम के इस प्रयास की सराहना करता हूँ कि आप लोग भी इस प्लेटफार्म के जरिये सामाजिक जवाबदेही को बढ़ावा देने का नियमित प्रयास कर रहे हैं।