सरकार और नागरिकों को कोविड से सीखते हुए आगे बढ़ना होगा!
एक बात तो है कि भले ही कोविड ने हमारे जीवन को तहस-नहस कर दिया हो लेकिन बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिन पर हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है।
नमस्ते! मेरा नाम राहुल चौरसिया है और मैं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का रहने वाला हूं। मैं अभी वर्तमान में असंगठित मज़दूरों के लिए काम कर रहा हूं। ख़ास तौर पर अगर बात की जाए तो मज़दूरों के लिए भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा यह ई-श्रम कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों का एक डाटा एकत्रित होगा। इससे शासन को योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी। अगर -श्रम कार्ड को बनवाने की प्रक्रिया की बात करें तो इसमें किसी भी जन सुविधा केंद्र के माध्यम से या सीएससी से इसमें आवेदन किया जा सकता है, जिसमें मज़दूरों का आधार कार्ड मोबाइल नंबर बैंक अकाउंट नंबर आदि की जरूरत पड़ेगी व इसमें आवेदन करने के लिए वहां भारत का नागरिक हो उसकी उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच हो। आवेदक मज़दूर असंगठित क्षेत्र का मज़दूर या कामगार हो तथा वह करदाता ना हो। इससे मज़दूरों को आगे बढ़ने में बहुत मदद मिलेगी क्योंकि यह ई-श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा। मज़दूरों को दूसरे राज्य में काम मिलने से भी आसानी होगी तथा देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को पहचान मिलेगी।
जिस तरह से कोविड हमारे आसपास अपना जाल बनाये हुए है, उससे तो मुझे बिलकुल यह लगता है कि सरकार के साथ-साथ हम नागरिकों को अब निश्चित तौर पर ऐसे संकट से निपटने के मज़बूत इंतजाम करने चाहिए। सरकार को चाहिए की वो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार आदि जीवन से जुड़े विषयों को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए सुलभ और प्रभावशाली संस्थागत व्यवस्थायें बनाये। सरकार को ऐसे ऑनलाइन माध्यम बनाने चाहिए जिनके द्वारा नागरिक आसानी से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं से घर बैठे लाभान्वित हो पायें। इसके साथ ही सरकार को हर क्षेत्र में अपने संसाधनों में भी बढ़ोत्तरी करनी होगी ताकि किसी भी बड़े संकट में आसानी से पार पाया जा सके।
वहीं, अगर हम नागरिकों की बात की जाये तो मुझे लगता है कि कोविड के इस संकट को बढ़ाने में हमने भी बहुत सी लापरवाहियाँ की हैं तथा सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का सही से पालन नहीं किया तथा हम अब भी वही गलतियाँ कर रहे हैं जो हमने पिछले साल भी की थीं।
साथ ही हम संस्थाओं में काम करने वाले लोगों को चाहिए कि जिस भी सामाजिक क्षेत्र में हम लोग काम कर रहे हैं, उनके बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना होगा तथा लोगों को इस तरह से तैयार करना होगा जिससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें बल्कि उन्हें ऑनलाइन माध्यमों को भी जीवन में उतारने के लिए तैयार करना होगा।