समाजिक क्षेत्र में जुड़ कर कार्य अनुभव

जब से मेरी सामाजिक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में सकारात्मक प्रतिभागिता रही और जैसे जैसे सामाजिक गतिविधियों में रुचि बढ़ी, मेरा काम के प्रति उत्साह बढ़ा। समाज सेवा करने के साथ ही समाज एवं स्वयं को मजबूत करने के लिए विचार बने और समाज का हर व्यक्ति सामाजिक सरोकारों से जुड़कर काम करे ओर उन्हें समय समय पर उत्साहवर्धन एंव मार्गदर्शन मिलता रहे, तो लगता है कि कहीं ना कहीं हम सब लोगों के सोच विचार के विकास के लिए भी पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है जो समय-समय पर उन्हें मार्गदर्शक के रूप में मिलते रहें जिससे व्यक्ति के विचार,भावना सकारात्मक एवं बदलाव लाने की रहेगी। और मैं हमेशा युवाओं को सामाजिक सरोकार से जोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली युवा शक्ति को मजबूत करने एवं स्वयं को प्रस्तुत करने पर काम करने के लिए उन्हें उत्साहित करता रहूँगा जिसे वह अपने आपको मजबूत बना सकें।

मैं अपने काम में अन्य लोगों को व्यस्त करने के लिए सर्वप्रथम पहले उन्हें काम का महत्व एवं उपयोगिता बताते हुए काम को करने के बाद प्राप्त होने वाले अनुभव के बारे में समझाता हूँ। साथ ही ज्यादा से ज्यादा उनका विकास एवं समाज के विकास के लिए उन्हें हमेशा मोटिवेट करता हूँ, जिससे उनके विचार कुछ समय बाद एक अच्छे वक्ता के रूप में बनेंगे और उनके दिमाग में एक ‘चेंजमेकर’ की तरह विचार बनने प्रारंभ होगें। क्योंकि जब वह काम को करते हुए नए-नए लोगों के संपर्क में आने से नए-नए विचार एवं अनुभव जब उन्हें प्राप्त होंगे तो कुछ नया करने के लिए उनकी आत्मा में नेक विचार मन में आएंगे और वह तत्पश्चात समाज में नया बदलाव लाने की सोच सकेंगे और कुछ समय बाद वह अपने आप को समाज के प्रति हमेशा सकारात्मक काम करने के लिए रोक नहीं पाएंगे और एक ना एक दिन ऐसा ही चलते-चलते उनका जीवन व्यस्ततम बनता चला जाएगा। ओर वह अन्य लोगों को भी अपने काम में व्यस्त करते हुए उनकी सोच में बदलाव लाने के काबिल हो सकेंगे।

अपनी स्वयंसेवी कहानी

वर्ष 2013 से सामाजिक सरोकारों से जुड़कर मैंने अपने जीवन में सामाजिक क्षेत्र में कार्यों की शुरुआत रक्तदान शिविरो से प्रारंभ हुई। तत्पश्चात ग्रामीण क्षेत्र के गांव में जाकर वहाँ के युवाओं के साथ मिलकर उनके गांव में नेहरू युवा केंद्र संगठन के तहत युवा मंडल बनाने एवं उनके साथ कृषि जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, चिकित्सा शिविरो, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण हेतु स्वरोजगारमुंखी प्रशिक्षण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिताएं, भाषण प्रतियोगिताएं, निबंध प्रतियोगिता, वृक्षारोपण कार्यक्रम, डिजिटल कैशलेस कार्यशाला, मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं को पात्र परिवारों तक पहुंच कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाने के साथ ही कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए पात्र व्यक्तियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने का कार्य कर रहा था।

कुछ दिनों बाद नेहरू युवा केंद्र जयपुर द्वारा युवा मंडल विकास कार्यक्रम अभियान पंचायत समिति जालसू क्षेत्र में चलाया गया, जिसमें 10 लोगों की 5 टीमें बनाई गई और प्रत्येक टीमों को 5 गांव में जाकर युवा मंडल गठन अपडेशन एवं नए गठन करने के लिए कार्य दिया गया, जिसमें मैं भी एक टीम का हिस्सा था और लक्ष्य दिया गया कि 5 गांव में युवा मंडल बनाने के बाद छठे दिन आपको पंचायत समिति सभागार जालसू में प्रत्येक गांव से पांच सदस्यों को एकत्रित कर उनका एक कार्यशाला करने के लिए टास्क दिया गया। इसके पश्चात मुझे बिल्कुल भी आशा नहीं थी कि जहाँ-जहाँ जिन गांव में मैं गया था उन गांव से 20 युवा वहाँ पर आएंगे परंतु जब कार्यशाला में उच्च अधिकारियों द्वारा उपस्थिति देखा गया और उन्होंने उन गांवों को चिन्हित किया जिन गांवों में मैं युवा मंडल बना कर आया था और छठे दिन आने के लिए उन्हें कह कर आया था तो उच्च अधिकारियों ने मुझे बुलाकर बोला कि इन 5 गांव में आप गए हैं, मैंने कहा जी हां मैं गया हूं तो उन्होंने तुरंत नेहरू युवा केंद्र संगठन के अधिकारियों से कहा कि वास्तव में जो काम 5 दिनों में नवरतन ने किया है वह काम शायद इन पांच टीमों में किसी ने भी नहीं किया क्योंकि जहां मुझे 20 लोगों आने की आस नहीं थी परंतु कार्यशाला में उन्हीं 5 गांव से 80 लोग एकत्रित हुए और उच्च अधिकारियों ने मेरा उत्साहवर्धन किया एवं मार्गदर्शन किया ।

उसी प्रकार मुझे इस सामाजिक क्षेत्र में आने का एक रंग सा चढ़ गया और मुझे लगने लगा कि शायद मैंने कुछ अच्छा काम किया है और मुझे समाज के लिए अच्छा काम करने के लिए आगे आना चाहिए और उसी प्रकार धीरे धीरे में सामाजिक क्षेत्र में युवाओं के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाली महिलाएं एवं युवाओं के लिए काम करने लगा। 1 साल तक इसी प्रकार छोटे-छोटे कार्यक्रम करते रहे और पता नहीं चला कि 1 साल कैसे गुजर गया परंतु वर्ष 2016 में नेहरू युवा केंद्र संगठन में राष्ट्रीय युवा कोर योजना के अंतर्गत पंचायत समिति जालसू क्षेत्र से मुझे राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक के रूप में जालसू में स्वयंसेवक के रूप में तैनात किया गया और मैंने जून 2016 से लेकर 31 मई 2018 तक पूरे तन-मन से नेहरू युवा केंद्र संगठन के योजनाओं को कार्यों को जमीनी स्तर तक पात्र लोगों तक पहुँचाने का काम किया।

इसी का नतीजा रहा कि भारत सरकार युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मेरे को भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में 45 दिन की विदेश यात्रा के तहत 15 जनवरी 2018 से लेकर 3 मार्च 2018 तक अंतरराष्ट्रीय युवा दान-प्रदान कार्यक्रम के तहत भेजा। जिसमें मेरा ही नहीं बल्कि मेरे जिले,राज्य एवं मेरे देश का नाम एक साथ तीन देशों में करने का मौका मिला और वह देश थे जापान,सिंगापुर, एंव श्रीलंका। जहाँ मैंने अपना ही नहीं बल्कि अपने देश में युवाओं को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जा सकता है इन सभी के बारे में विभिन्न देशों से आए हुए प्रतिभागियों के साथ विचार साझा करते हुए इस भारत देश का झंडा फहराया।मैं अपने आपको तब गौरवान्वित महसूस कर रहा था जब 11 देशों के 250 प्रतिभागियों के सामने मैं अपने देश के तिरंगे के साथ खड़ा होकर नेशनल एंथम गा रहा था। इसी का नतीजा है कि आज भी मैं युवाओं के साथ में मिलकर ग्रामीण क्षेत्र में हमेशा उनके विकास के लिए सोचता रहता हूँ और परेशान रहता हूँ कि एक दिन जरूर आएगा जिस दिन इस क्षेत्र के युवा एक मिसाल बनकर देश के सामने खड़ा होगा और उनके विकास के लिए हमेशा में प्रयत्नशील हूं और रहूंगा और ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक क्षेत्र में युवाओं के लिए विशेष तौर से इस देश की महिलाओं के लिए उनके सशक्तिकरण के लिए काम करने के लिए तत्पर रहूंगा और भविष्य में उनके विकास से जुड़ी हुई योजनाओं को उनके बीच लाकर खड़ा कर दूँगा जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना होगा और मैं इसी प्रकार से सामाजिक क्षेत्र में काम करता रहूँगा।

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