‘लोग इस बात से डर रहे हैं कि उन्हें अस्पताल में पर्याप्त ईलाज नहीं मिलेगा’
प्रश्न: 45 वर्ष या उससे अधिक वर्ष के लोगों का टीकाकरण करने में आपको किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग टीका लगवाने आ रहे हैं। हमारा लक्ष्य प्रतिदिन केवल 100 टीके लगाने का है, हम इससे अधिक का टीकाकरण नहीं कर सकते। इसलिए, कुछ लोगों को बिना टीका लगाये ही वापिस जाना पड़ रहा है।
दोनों टीकों की खुराक के बीच के समय अंतराल को बढ़ा दिया गया है, जिसे लोगों को समझाना थोड़ा मुश्किल है।
प्रश्न: 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों का टीकाकरण करने में आपको किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
एएनएम : मई माह के तीसरे सप्ताह से 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू हो गया है। इसमें एक चुनौती यह है कि स्लॉट पूरी तरह से बुक होने के बावजूद, सभी लोग टीकाकरण के लिए नहीं आते हैं। इस कारण, कई बार टीके की कुछ खुराकें बेकार भी चली जाती हैं।
प्रश्न: यदि गांव में कोई कोविड-19 का गंभीर रोगी होता है तो उस स्थिति में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
एएनएम: जब भी कभी गाँव में कोविड-19 के कोई गंभीर रोगी पाए जाते हैं तो मैं सबसे पहले अपने चिकित्सा अधिकारी से फोन पर संपर्क करती हूँ और उनसे मरीज़ के लक्षणों के बारे में बात करती हूँ। फिर उस रोगी को सम्बंधित कोविड-19 मरीज़ों के लिए निर्दिष्ट अस्पताल में भेजा जाता है।
बहुत बार, कोविड-19 रोगी अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी छिपाते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि उन्हें सरकारी अस्पताल में पर्याप्त इलाज नहीं मिलेगा। वे हमें तभी सूचित करते हैं जब उनके लक्षण वास्तव में बिगड़ते हैं और इस वजह से उन्हें सही समय पर आवश्यक उपचार नहीं मिल पाता।
प्रश्न: क्या नियमित टीकाकरण और परिवार नियोजन परामर्श जैसी अन्य गतिविधियाँ चल रही हैं?
एएनएम : नियमित टीकाकरण कार्यक्रम निरंतर एवं समयानुसार हो रहा है। हालांकि परिवार नियोजन को लेकर महिलाओं की काउंसलिंग नहीं हो रही है क्योंकि हमें विभाग द्वारा अभी बैठकें करने की अनुमति नहीं है।
यह साक्षात्कार 30 मई 2021 को हिमाचल प्रदेश के सोलन में एक सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) के साथ आयोजित किया गया था।