युवाओं को ख़ुद को स्वयं तराशना होगा!

हर कोई जानता है कि भारत में युवाओं की संख्या बाकी देशों के मुकाबले काफी अधिक है। इस नाते युवाओं की भूमिका समाज के लिए बेहद अहम हो जाती है तथा साथ ही इससे उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

नमस्कार! मेरा नाम अब्दुल रज्जाक है और मैं जयपुर राजस्थान का निवासी हूँ। मैं एक किसान परिवार से सम्बन्ध रखता हूँ। कॉलेज शिक्षा के दौरान मेरी रूचि सामाजिक क्षेत्र में रही है। एनसीसी, एनएसएस, खेल प्रतियोगिता इत्यादि में मैंने अपने महाविद्यालय का नाम रोशन किया है। छात्र जीवन में ही मेरी रूचि राजनीति में भी रही है। मैंने अपने छात्र जीवन में कई बार छात्र नेता के रूप में जीत हासिल की है तथा प्रशासन के समक्ष छात्रों की विभिन्न समस्याओं को हल करवाया है। वहीं से मैंने सोचा की किसी न किसी रूप में लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करूँगा।

उसके बाद वर्ष 2016 में मुझे नेहरु युवा केंद्र जयपुर युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय से दूदू ब्लॉक के समन्वयक के तौर पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। वर्ष 2017 में मैंने आदिवासी आदान-प्रदान कार्यक्रम में भाग लिया और राष्ट्रीय युवा महोत्सव उत्तर प्रदेश, नोयडा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया।

वर्ष 2018 में ‘अंतर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम’ के अंतर्गत मुझे चीन में जाकर भारत देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।

मुझे लगा की लोगों की सरकार की सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए और भी प्रयास करने चाहिए। इसके लिए मैंने एक मंडल का गठन किया तथा इसको रजिस्टर करवाया ताकि इसके माध्यम से हम सरकार से लोगों को जोड़ पायें।

इसके बाद कोरोना ने हम सभी के जीवन को बुरी तरह से त्रस्त कर दिया। तो ऐसे में हमने निर्णय लिया की क्यों न इस स्थिति में भी उन लोगों तक राहत पहुँचाने का काम किया जाए जिन्हें उसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है। मैंने अपने स्तर पर अलग-अलग तरीके से लोगों प्रभावित हुए लोगों के लिए काम करना शुरू कर दिया। हमने खाने के पेकेट/सुखी राशन सामग्री वितरित करने का काम किया। मजदूरों के पलायन के साथ ही उनके लिए सड़क के किनारे खाने के लिए पेकेट दिए तथा साथ ही जो लोग अपने घर नहीं आ पा रहे थे उनके लिए पास बनाकर भी गाँव लाने के लिए हर संभव प्रयास किये। इसी दौरान मैंने अपने कुछ मित्रों के सहयोग से सेनेटाईज़र मशीनें भी स्थापित की तथा लोगों को मास्क वितरित किये।

मैंने अपनी पंचायत में लगभग 40 लोगों के लिए सरकार के सहयोग से सामाजिक सुरक्षा पेंशन लगवाई। नए राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को जागरूक किया। विधवाओं को पालनहार योजना से प्रतिमाह 1000 की राशि की सहायता हेतु जागरुक किया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बहुत से लोगों का शौचालय का भुगतान पंचायत समिति से करवाया।

अक्सर देखने को मिलता है कि खास तौर से युवा वर्ग जब पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो उसके बाद वे सरकारी क्षेत्र में नौकरी न मिलने की वजह से काफी हतोत्साहित हो जाते हैं बल्कि मैं भी हुआ हूँ। लेकिन धीरे-धीरे ये भी समझ में आया कि समाज में बहुत से ऐसे माध्यम हैं जिनके द्वारा युवा अपने आपको बेहतर साबित कर सकते हैं।

मेरा मानना है कि युवा वर्ग को हर स्थिति के अनुरूप स्वयं को ढालना चाहिए। चाहे पंचायती राज संस्थाओं में खुद को आगे लाने की बात हो या फिर स्किल डेवलपमेंट से जुड़े कार्यक्रमों के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को निखारने की बात हो या फिर सामाजिक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही संस्थाओं में शामिल होने की बात हो, हर तरह से समाज के लिए अपना बेहतरीन योगदान दिया जा सकता है। इससे न केवल आप स्वयं को समाज में प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार करते हैं बल्कि साथ ही उन सभी लोगों की भी आकांक्षाओं को पूरा करने का ज़रिया भी बनते हैं जो किसी न किसी वजह से समाज में पिछड़े हुए हैं।

अतः मैं युवाओं को बस यही सुझाव देना चाहूँगा कि अपने आपको हर प्रकार की चुनौती के लिए तैयार रखना आने वाले कल के लिए बेहद आवश्यक है। इससे हम न केवल खुद का एक अलग व्यक्तित्व दिखा पाते हैं बल्कि समाज में भी अपनी भूमिका अदा करने में सक्षम हो पाते हैं।