ग्राम सभा पर विशेष

ग्राम सभा हमारे गणतंत्र की मूल सभा होती है | ऐसे तो 4 सभाएं  होती है – लोकसभा, राज्यसभा , विधानसभा और ग्राम सभा, इनमे पहली तीन में जनता के द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुने गए प्रतिनिधि होते है परन्तु ग्राम सभा में जनता खुद होती है | ग्राम सभा की बैठक हर तीन माह पर होनी आवश्यक है , परन्तु आसानी से याद रखने के लिए  26 जनवरी  15 अगस्त, 2अक्टूबर , और 1 मई (श्रमिक दिवस) का दिन निर्धारित किया गया है | इसके लिए डुग-डूगी बजाकर और सूचना  पट्ट पर नोटिस छपा कर सूचना देनी आवश्यक है | उपर्युक्त तिथि को पंचायत के मुखिया द्वारा बैठक बुलाई जाती है| इस सभा में गांव का प्रत्येक नागरिक भाग ले सकता है |

ग्राम सभा का उद्देश्य 
  • ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम स्तर पर किए जा रहे कार्यो और योजनाओं की देख -रेख के लिए निगरानी समिति का गठन करना | 
  • ग्राम पंचायत के सालाना लेखा -जोखा विवरण के बारे में जानकारी देना |
  • पिछली वित्तीय वर्ष की प्रसाशनिक रिपोर्ट पर चर्चा करना |
  • ऑडिट रिपोर्ट पर जानकारी देना |
  • अगले वर्ष के लिए बजट पर चर्चा करना | 
  • पिछले साल के विकास कार्यों से अवगत कराना | 
ग्राम पंचायत के मुखिया का कर्तव्य 

चलिए देखते है की एक मुखिया की क्या-क्या जिम्मेदारी होती है:

  • ग्राम पंचायत के सलाना ‘लेखा -जोखा विवरण’ के बारे में जानकारी देना | 
  • बैठकों का कार्य-व्यवहार संभालना और उनमें अनुशासन कायम रखना। 
  • पूँजी कोष पर विषेष नजर रखना। 
  • ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रषासन की देख-रेख करना। 
  • ग्राम पंचायत की कार्ययोजनाओं/ प्रस्तावों को लागू करना। 
  • ग्राम पंचायत द्वारा तय किए टैक्सों, चंदों और फीसों की वसूली का इंतजाम करना। 
  • राज्य सरकार अथवा किसी अन्य कानून के अनुसार सौंपी गई अन्य जिम्मेदारियों और कार्यों को पूरा करना इत्यादि। 

ग्राम सभा बैठक का आयोजन करने की ज़िम्मेदारी मुखिया की होती है | यदि वह बैठक का आयोजन नहीं कर पाते है तो पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी (BDO) बैठक का आयोजन करते हैं| बीडीओ ऐसी बैठक में अपने स्थान पर किसी सरकारी सेवक को भेज सकते है | परन्तु इन भूमिकाओं को निभाने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति चौकस और सजग रहना होगा | उनकी सक्रीय भागीदारी पंचायत राज की सफलता के लिए पहली आवश्यकता है | 

ग्राम सभा में जनता की भागीदारी

ग्राम सभा में प्रत्येक नागरिक को अपनी मांग/सवाल रखने का संवैधानिक अधिकार है| अमूमन वर्ष में 3-4 मौके ऐसे आते है जब आम नागरिक पंचायत में चल रहे विकास कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी मांग सकता है| जैसे कि पंचायत में कौन –कौन से कार्य किए जा रहे है | शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के लिए कौन सा कदम उठाया गया है |  

फील्ड से हमने क्या सुना- 2 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभा की झलक

बिहार के ऐसे कई स्थान है जहां महात्मा गाँधी जयंती पर ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित की गयी जिसने गांधी जी के सपनों को साकार करने की दिशा में आम आदमी को एक जुट होने के लिए प्रेरित किया है | पंचायत में चल रहे काम ‘सात निश्चय योजना’ और ‘हर घर नल जल योजना’ के लिए जांच की मांग भी की गयी | इसके बावजूद हमें कई ऐसे भी उदाहरण मिले जहाँ पर गुज़रे गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम सभा की बैठक नहीं हो पायी | आईये  जानते हैं कि ग्राम सभा की बैठक आयोजित न होने के क्या कारण  रहे | 

 ग्राम-पंचायत कर्णपुरा, हाजीपुर

“आज के लिए ग्राम सभा आयोजित नही की गयी है | अभी कोरोना के कारण ग्राम सभा नही बुलाई गयी है |” (ग्राम पंचायत मुखिया)

 “मुझे तो बताया ही नही गया है ग्राम सभा के बारे में | यह कार्य मुख्य रूप से मुखिया जी को करना होता है |” (पंचायत सचिव)

पंचायत महुडी, डुमरिया

“2 अक्टूबर को ग्राम सभा कि बैठक नही हुयी है || जब कभी पंचायत को बैठक कि जरूरत पड़ती है (पंचायत विकास योजना बनाते समय ) तो बस इसके लिए चार – पांच आदमी बैठ कर बैठक का कोरम पूरा करते है | जब मैं नया – नया निर्वाचित हुआ था उस समय मेरे अन्दर भी बैठक कराने का जोश था और मैं कोशिश  भी करता था कि अपने पंचायत में बैठक करू परन्तु बैठक में लोग उपस्थित नहीं होते थे | गांव से 7 -8 लोग ही उपस्थित होते थे | इन्ही सब कारणों की वजह से पंचायत में बैठक नहीं हो पाती है | ” 

“पंचायत का अपना भवन नहीं है | जरूरत पड़ने पर किसी विद्यालय परिसर में बैठक आयोजित करवाते है |” (ग्राम-पंचायत मुखिया)

ग्राम-पंचायत –लदहो, बिरौल

“कोरोना और चुनाव का समय है| क्या इस तरह कि कोई सभा होनी थी? हमें नहीं पता!  हमें कोई आदेश नहीं मिला सभा आयोजित करवाने के लिए |” (ग्राम-पंचायत मुखिया)

ग्राम-पंचायत: बकरौर, बौद्धगया)

“2 अक्टूबर के दिन ग्राम सभा होती है परंतु इस साल ऐसा कोई भी निर्देश पंचायत सचिव , BDO या ज़िला स्तर से नही आया है की ग्राम सभा करवानी है| जब भी हम ग्राम सभा आयोजित करवाते है, तो बहुत ही कम लोग इसमे भाग लेते हैं| मुख्य रूप से चुने हुए वार्ड सदस्य ही आते है और वो भी इसीलिए क्योंकि 80 प्रतिशत वार्ड सदस्यों का रहना अनिवार्य है|”  (ग्राम-पंचायत मुखिया)