ग्राम पंचायत मुखिया और वार्ड सदस्य के कार्य एवं दायित्व

हमने, बिहार में ग्राम पंचायत चुनाव के अपने पिछले लेख में आपके साथ ग्राम पंचायत के निर्वाचन से जुड़े कुछ अहम बिन्दुओं पर जानकारी साझा की थी। आईये, इस भाग में जानते हैं कि एक बार चुनकर आने के बाद ग्राम पंचायत के मुखिया व वार्ड सदस्य के कौन-कौन से महत्वपूर्ण कर्तव्य होते हैं:  

मुखिया  की जिम्मेदारियां :

ग्राम पंचायत और ग्राम सभा से संबंधित बहुत से कर्तव्य हैं, जिनका निर्वहन ग्राम प्रधान (मुखिया ) को करना होता है। इसी क्रम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां जिनका पालन करना मुखिया  के लिए बहुत जरूरी होता है, वे इस प्रकार से हैं:

1. ग्राम पंचायत और सभा की बैठकों का आयोजन करना और उनकी अध्यक्षता करना

2. ग्राम पंचायत में होने वाले कार्यों की देखरेख करना

3. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू करना

4. सार्वजनिक क्षेत्र के लिए योजना तैयार कर कार्यों को करवाना

5. पंचायत क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करना

6. पंचायत क्षेत्र में होने वाले कार्यों में कार्यरत वार्ड सदस्यों के कार्यों की देखरेख करना और उन्हें दिशा निर्देशित करना

मुखिया  के कार्य:

ग्राम सरपंच के अंतर्गत सम्पूर्ण ग्राम पंचायत में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी कार्य आते हैं, जिनमें पशुपालन, दुग्ध उद्योग, मुर्गीपालन, कुटीर उद्योग, ग्राम स्वच्छता, पेयजल व्यवस्था, सड़क व भवन निर्माण जैसे कई कार्य शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों के लिए शुरू की गई सभी योजनाओं की जानकारी देना और उनका क्रियान्वयन करना शामिल है। निम्नलिखित कार्यों की देखरेख मुखिया को ही करनी होती है:

1. कृषि सम्बंधी कार्य

2. ग्राम  विकास सम्बंधी कार्य

3. प्राथमिक विधालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय व अनौपचारिक शिक्षा के कार्य

4. युवा कल्याण सम्बंधी कार्य

5. सार्वजानिक नलकूपों की मुरम्मत व रख-रखाव

6. महिला एवं बाल विकास एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी  कार्य

7. समस्त प्रकार की पेंशन से जुड़े कार्य

8.राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण

9.ग्राम पंचायत के स्वयं के आय स्त्रोत को विकसित करना

वार्ड सदस्य की संरचना :

बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के अनुसार वार्ड सदस्य को सम्बन्धित वार्ड/गाँव की जनता द्वारा अनेक विकासात्मक अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए चयनित किया जाता है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, वार्ड सदस्य ग्राम पंचायत की आर्थिक व सामाजिक विकास हेतु पूर्णतया उत्तरदायी है। वार्ड सदस्य के सामान्य दायित्व इस प्रकार से हैं:

1.वार्ड सभा जनता के प्रति जवाबदेही का सीधा मंच है। इसलिए हर वार्ड सदस्य का यह दायित्व है कि वह अपने वार्ड की वार्ड क्षेत्र में समस्त विकास कार्यों का विवरण रखे, निर्माण कार्यों पर हुए खर्च का ब्यौरा रखे तथा जनता की राय से आगामी वर्ष के लिए विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करे।

2. वार्ड में किये जाने वाले कार्यों की प्रगति समीक्षा व निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करना जैसे कितना पैसा आया, कितना खर्च हुआ, कितना भुगतान हो चुका है अथवा कितना शेष है आदि।

3. हर वार्ड सभा के स्थाई एजेन्डा के रूप में यह सुनिश्चित करना कि वार्ड में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, ए.एन.एम. स्कूल अध्यापक, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, हैण्डपम्प, मिस्त्री, राशन डीलर आदि विकास कर्मी नियमित रूप उचित सेवायें दें।

4. वार्ड सदस्य द्वारा ग्राम में चलाई जाने वाली विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर ग्राम पंचायत सरपंच को इससे अवगत कराना

5. वार्ड क्षेत्र में, विभिन्न विकास योजनाओं के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को प्राथमिकता के अनुसार चिन्हित करना। 

6. विकास योजनाओं को लागू करने में पंचायत को सहयोग प्रदान करना 

तो इस प्रकार पंचायत के विकास कार्यों को गति देने के लिए पंचायत मुखिया एवं वार्ड सदस्य की भूमिका बेहद अहम् होती है अंत में एक जागरूक होने नाते हमें यह समझना बहुत आवश्यक है कि जब हम सभी को मालुम होगा कि पंचायत के हमारे प्रति क्या दायित्व हैं, तब हम उनसे बेहतर तरीके से प्रत्येक कार्य पर जवाबदेही की मांग कर सकते हैं

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