अनुमति पत्र प्राप्त करने की सारी जानकारी
जैसे आप जानते होंगे, सरकार के किसी भी स्तर के साथ काम करने के लिए पहले से अनुमति की ज़रुरत होती है। यह अधिकतर अनुमति पत्र के रूप में होती है। अगर आपकी संस्था को सरकारी योजना के क्रियान्वयन में योगदान देना हो या कोई सर्वे कराना हो, तो आपको सरकार से लिखित में अनुमति चाहिए होगी। इसके बिना आपको कोई भी जानकारी मिलना या किसी काम में हिस्सा लेना नामुमकिन है।
आप यह अनुमति कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
पत्र लेने की तैयारी में
सबसे पहले अपने काम को करवाने का सही स्तर और विभाग पहचानना होगा।
जब आप यह चिन्हित कर लें, तब फिर आप उस स्तर और विभाग के मुख्य अधिकारी से मिलें और उन्हें अपने प्रस्ताव के बारे में बता कर, उनसे यह काम करने की अनुमति प्राप्त करें।
इस समय आपको अधिकारी को अपने प्रस्ताव के बारे में सारी जानकारी देनी होगी जैसे आप कब से कब तक, किस ज़िले में, कहाँ और क्या काम करना चाहते हैं।
अपने प्रोग्राम को पूरी तरह से जाने
शायद अधिकारी आपसे आपके प्रस्ताव के बारे में आगे सवाल पूछें। ऐसे में आपके पास एक पक्का प्रस्ताव होना चाहिए ताकि आप उसके गुणों को पूरी तरह साबित कर सकें और किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार रहें।
पत्र लेने के लिए क्या करें?
एक से ज़्यादा ज़िलों के लिए राज्य सचिव से पत्र लेना होगा
पहला यह की अगर आप राज्य के कुछ जिलों या पूरे राज्य में यह कार्यक्रम संचालित करना चाहते हैं, तो आपको राज्य स्थर के अधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा | शायद हर ज़िले से अलग अलग पत्र लेना फायदेमंद ना हो| हो सकता है हर ज़िले से आपको अलग-अलग तरह की अनुमति मिले| इसलिए यह बेहतर होगा कि आप राज्य स्तर से अनुमति लें, ताकि अपने काम के लिए हर तरह की अनुमति मिल सके।
लेकिन राज्य स्तर पर अनुमति पाना इतना आसान नहीं हैं | राज्य स्थर के अफसरों से मिलना मुशकिल है और मिल कर भी शायद अनुमति ना मिले। शायद अधिकारी आपके काम के प्रस्ताव से संतुष्ट ना हो, या पत्र देने में बहुत समय लगाए।
ऐसे में आपको एक और ऐसा अधिकारी पहचानना होगा जिसके पास भी आपको यह पत्र देना का अधिकार हो और जिसके नाम के पत्र से भी आपका काम चल सके।
उदहारण के तौर पर अगर आप/ आपकी संस्था राज्य में कमज़ोर बच्चों के लिए कक्षा के बेहतर संचालन के लिए काम करना चाहते हैं, तो आपको शिक्षा विभाग के राज्य स्थर से अनुमति चाहिए होगी। इसके लिए आप शिक्षा सचिव के पास जाकर अपने प्रस्ताव के बारे में बता सकते हैं। अगर यहाँ किसी वजह से काम ना बने, तो आपको एक दूसरा अधिकारी पहचानना होगा जो आपको यह पत्र दे सकता है। जैसे कि, आप शिक्षा विभाग के राज्य निदेशक से भी अनुमति पत्र लेकर अपने कार्यक्रम को पूरे राज्य या राज्य के कुछ जिलों को संचालित कर पायेंगे |
आप दूसरे विभागों में भी यह विकल्प अपना सकते हैं। इस पर हम अपने काम का भी एक उदारहण दे सकते हैं।
“अकॉउंटबिलिटी इनिशिएटिव 2015 में बिहार राज्य में ICDS ( समेकित बाल विकास सेवाएँ ) के उपर सर्वे करना चाह रहा था जिसके लिए हम लोग अनुमति पत्र के लिए इस विभाग के प्रधान सचिव से मिले | प्रधान सचिव ने सर्वे में अपना दिलचस्पी नहीं दिखाई | तब हम लोगों ने इस विभाग के निदेशक से मिल कर इस सर्वे के लिए अनुमति पत्र प्राप्त किया |”
यह याद रखें कि आप एक से ज़्यादा ज़िले में काम करने की अनुमति के लिए कभी ज़िला कार्यालय में ना जाये | क्योंकि यहाँ पर जाने से आपको फायदा नहीं होगा। यहाँ पर राज्य स्तर से पत्र के बिना आपकी कोई मदद नहीं कर सकेगा । आपको पहले राज्य से पत्र लाना ही होगा।
एक ज़िले में काम करने के लिए उस ज़िला अधिकारी से अनुमति लेना पर्याप्त है
दूसरी तरफ आप अगर किसी एक ज़िले में अपने कार्यक्रम को संचालित करना चाहते हैं तो आप उस ज़िले के अधिकारी से ही अनुमति ले सकते हैं, जिससे आपको सभी प्रखंडों में काम करने में आसानी हो। इसके लिए आप ज़िला पदाधिकारी से मिलकर अपनी बात कर सकते हैं।
पत्र मिलने के बाद
अनुमति प्राप्त पाने के बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। यह ज़रूरी है कि आप जिस भी स्कूल, या अन्य जगह अपने काम के लिए जाएँ, यह पत्र आपके साथ हो। यह पत्र दिखा कर ही आप आगे बढ़ पाएंगे।
इसमें भी आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जैसे आपके पत्र को जायज़ नहीं माना जाए और मान्यता ना मिले।
उदाहरण के तौर पे- हो सकता है कि आपको स्कूल में जाकर काम करना हो और उसके लिए अपने सर्व शिक्षा अभियान विभाग के ऑफिस से अनुमति पात्र लिया है। जब आप स्कूल में पहुँचे तो आपसे कहा गया कि आपके पत्र को नहीं माना जायगा और आपको राज्य शिक्षा विभाग के पात्र की ज़रुरत होगी। आपको और आपकी टीम को ऐसी मुश्किलों के लिए भी तैयार रहना होगा और इन सब बातों को ध्यान में रखना होगा।